बिहार के आईआईटी पटना के विद्याथियों एवं शिक्षकों की टीम ने एक एडवांस्ड सौर वृक्ष विकसित किया है। यह देश में विकसित सभी सौर वृक्ष से उत्तम और स्मार्ट है। इस वृक्ष के जरिये बिहार ही नहीं देश के किसी भी गाँव में बिना किसी व्यवधान के लगातार रौशनी पहुचायी जा सकेगी। इसके डिजाइन, स्मार्ट कंट्रोलिंग व मेंटेनिंग तकनीक का पेटेंट कराने की तैयारी चल रही है।
मौसम चाहे गर्मी हो या बरसात, एक बार चार्ज होने पर 10 दिनों तक धूप नहीं आने के बावजूद सोलर वृक्ष के पैनल काम करते रहेंगे। इस यन्त्र के मदद से सिंचाई में भी मदद ली जा सकेगी। आईआईटी पटना के इलेक्ट्रिकल विभाग के अध्यक्ष और सौर वृक्ष विकसित करने वाली टीम का नेतृत्व कर रहे डॉ. आरके बेहरा ने बताया कि इस वृक्ष से सुदूर गांवों में भी रोशनी पहुंचाई जा सकती है।
स्मार्ट लागत के साथ स्मार्ट काम
इस वृक्ष को लगाने में ज्यादा खर्च नहीं होगी, एक सौर वृक्ष को बनाने में मात्र 50 से 60 हजार रुपए की लागत आने की संभावना है। इसमें लगी स्वीचिंग सिस्टम भी स्मार्ट तरीके से काम करती है। रौशनी की उपलब्धता के आधार पर रोशनी कम और ज्यादा होना अथवा सिस्टम स्विच ऑफ होना भी स्वत: हो जाएगा।
दूर से ही गड़बड़ियों का पता चल जाएगा
डॉ. बेहरा ने बताया कि इस सौर वृक्ष में ‘एस’ आकर की शाखाएं लगी हैं। इन पर सोलर पैनल लगाने का तरीका भी अलग है। कितनी भी तेज आंधी हो यह सोलर ट्री व उसकी प्लेट नहीं गिरेगी। गर्मी और जाड़े में धूप की दिशा परिवर्तन करने की जरूरत नहीं पड़ेगी। इसमें लगे कनवर्टर की क्षमता भी काफी अधिक है।
इस सौर वृक्ष में ऐसा स्मार्ट डिवाइस लगा है, जो आईआईटी के कंट्रोल रूम अथवा किसी मोबाइल डिवाइस से जुड़ सकेगा। किसी कारणवश गड़बड़ी होने पर तत्काल उस गड़बड़ी का पता चल जाएगा। यह भी पता चल जाएगा कि सोलर ट्री के किस भाग में मरम्मत की जरूरत है।
धनरुआ प्रखंड में होना है परीक्षण
धनरुआ के मुखिया के आग्रह पर परीक्षण के लिए इसे धनरूआ प्रखंड की छाती पंचायत के रसलपुर में लगाया जा रहा है। आईआईटी इस डिवाइस को वह के मुखिया के अनुरोध पर मुफ़्त में लगाएगी।