जदयू के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर ने आज एक बार फिर अपने ट्वीट के जरिए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पर निशाना साधा है। दरअसल, प्रशांत किशोर ने इस बार भी अमित शाह पर नागरिकता संशोधन एक्ट को लेकर हमला किया है। जदयू उपाध्यक्ष ने ट्वीट में लिखा है कि अगर आप CAA पर हो रहे विरोध की परवाह नहीं करते तो CAA, NRC लागू करने के प्रोसेस पर आगे बढ़ें।
CAA, NRC का विरोध करने वालों की फिक्र नहीं
आगे उन्होंने ट्वीट में लिखा, ‘नागरिकों की असहमति को खारिज करना किसी भी सरकार की ताकत को नहीं दर्शाता है। अमित शाह जी, अगर आप CAA, NRC का विरोध करने वालों की फिक्र नहीं करते हैं तो फिर आप इस कानून पर आगे क्यों नहीं बढ़ते हैं? आप कानून को उसी तरह लागू करें जैसे की आपने देश को इसकी क्रोनोलॉजी समझाई थी’।
Being dismissive of citizens’ dissent couldn’t be the sign of strength of any Govt. @amitshah Ji, if you don’t care for those protesting against #CAA_NRC, why don’t you go ahead and try implementing the CAA & NRC in the chronology that you so audaciously announced to the nation!
— Prashant Kishor (@PrashantKishor) January 22, 2020
विदित हो कि बीते मंगलवार को ही अमित शाह ने नागरिकता संशोधन एक्ट के समर्थन में लखनऊ में आयोजित जनसभा के दौरान विरोधियों पर जमकर हमला बोला, और कहा कि कोई कितना भी प्रदर्शन या विरोध कर ले, लेकिन मोदी सरकार CAA पर पीछे नहीं हटेगी। इसके बाद प्रशांत किशोर ने भी उन्हें ट्वीट कर जवाब दिया है। इससे पहले भी इन्होंने CAA को लेकर लगातार अपने ट्वीट के जरिए सरकार पर हमला किया है।
पार्टी से अलग अपनी राय
गौरतलब है कि जदयू ने राज्यसभा, लोकसभा में इस कानून के पक्ष में मतदान किया था, लेकिन पार्टी के उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर ने लगातार इसका विरोध किया है और पार्टी से अलग अपनी राय रखी है। वे ट्विटर के जरिए अपनी नाराजगी लगातार जाहिर करते रहे हैं। प्रशांत किशोर ने इस कानून को लेकर अपनी पार्टी के पक्ष पर भी सवाल खड़े किए और अन्य विपक्षी दलों से इस कानून के खिलाफ आवाज़ बुलंद करने को भी कहा।
प्रशांत किशोर के लगातार विरोध के बाद जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी एलान किया कि राज्य में NRC नेशनल रजिस्टर फॉर सिटिजन लागू नहीं होगा। इसके साथ ही उन्होंने कहा था कि अगर सबकी राय हो तो विधानसभा में CAA पर चर्चा भी की जा सकती है।
देश के विभिन्न हिस्सों में विरोध-प्रदर्शन
बता दें कि इस कानून के खिलाफ देश के विभिन्न हिस्सों में विरोध-प्रदर्शन हो रहा है। दिल्ली के शाहीन बाग में हजारों की संख्या में प्रदर्शनकारी पिछले करीब 40 दिनों से सड़क पर डटे हुए हैं और हटने का नाम नहीं ले रहे हैं। दिल्ली के अलावा बिहार, उत्तरप्रदेश के कई जिलों मे भी इसका विरोध लगातार जारी है।