महागठबंधन के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार तेजस्वी यादव (राजद) ने NDA पर हमला बोलै है। उन्होंने संवादाताओं से बात करते हुए कहा कि BJP के पास बिहार में योग्य और क़ाबिल चेहरे का अभाव है। भाजपा खुद को विश्व कि सबसे बड़ी पार्टी होने का दावा करती है। लेकिन, इनके पास मुख्यमंत्री पद के योग्य एक अदद उम्मीदवार भी नहीं है। पुष्टि के लिए उन्होंने ये सवाल दागा कि एक लम्बे कार्यकाल के बाद भी भाजपा के पास मुख्यमंत्री पद का कोई चेहरा क्यों नहीं है?
क्या प्रदेश प्रभारी @byadavbjp, बिहार से केंद्रीय मंत्री @girirajsinghbjp @nityanandraibjp @rsprasad , उपमुख्यमंत्री @SushilModi की इस बात से सहमत है कि BJP के पास बिहार में योग्य और क़ाबिल चेहरे का अभाव है और बिना नीतीश जी के 15% वोट के आप शून्य और भावहीन हो जाएँगे? हाँ या ना?? pic.twitter.com/4qZdMU4Ypd
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) September 12, 2019
एक अन्य ट्वीट के माध्यम से उन्होंने कहा कि सुशील मोदी जी PM नरेंद्र मोदी जी के चेहरे पर भी विश्वास नहीं रखते। कहते है विश्व की सबसे बड़ी पार्टी BJP के पास स्थापना के 37 वर्ष बाद भी बिहार में कोई योग्य चेहरा नहीं है। हमें नीतीश जी के नाम पर वोट मिलता है। श्री अमित शाह जी, क्या आप स्वीकारते है BJP में टैलेंट का इतना अकाल है?
सुशील मोदी जी PM @narendramodi जी के चेहरे पर भी विश्वास नहीं रखते।कहते है विश्व की सबसे बड़ी पार्टी BJP के पास स्थापना के 37 वर्ष बाद भी बिहार में कोई योग्य चेहरा नहीं है।हमें नीतीश जी के नाम पर वोट मिलता है।श्री @AmitShah जी, क्या आप स्वीकारते है BJP में टैलेंट का इतना अकाल है?
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) September 12, 2019
आखिर इस तकरार की वजह क्या है?
हमे सूत्रों से पता चली है कि इसबार भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व मुख्यमंत्री का पद अपने पास रखना चाहती है। लेकिन, भाजपा के पास बिहार में भाजपा के पास मुख्यमंत्री पद के लिए साफ़ छवि के चेहरे का अभाव है। एक कयास ये भी है कि सुशिल मोदी मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार हो सकते है। परन्तु, उनपर सृजन घोटाले का आरोप आड़े आ रही है। साथ ही, उनमे वो करिश्माई नेतृत्व का अभाव है जो विविधताओं से भरे जनमानस का नेतृत्व कर सके।
फ़िलहाल, भाजपा को नितीश कुमार और तेजस्वी यादव सरीखे स्वच्छ छवि के नेतृत्व का अकाल दिख रहा है। फलस्वरूप, सुशिल मोदी चाहते है कि नितीश कुमार मुख्यमंत्री पद का चेहरा बने रहे।
इनसब घटनाओ का क्या होगा असर
पूर्ण संभावना ये जताई जा रही है कि भाजपा बिहार में बदलाव चाहती है। मोदी-शाह के अगुवाई में भाजपा चाहती है कि 2020 के विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार उनके पार्टी से हो। वजह यह है कि पिछले 15 वर्षो से मुख्यमंत्री पद लगातार जदयू के पास रही है। निष्कर्षतः, भाजपा चुनाव परिणाम अनुकूल होने पर बिहार में एक बाहरी मुख्यमंत्री थोप सकती है।