बिहार में विधानसभा चुनाव के पास आते ही राजनीति तेज होती जा रही है। पूर्व केन्द्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा ने एक नई राजनीतिक पार्टी का गठन कर दिया है। ऐसे में अब बिहार में तीसरे मोर्चा के रुप में लोगों के लिए विकल्प खुल चुका है। वहीं महागठबंधन की आपसी खट पट ने तीसरे मोर्चे के मजबूत कर सकता है।
तीसरे मोर्चा के रुप में होगा विकल्प
[inline_posts type=”related” box_title=”” align=”alignleft” textcolor=”#000000″ background=”#c9c9c9″][/inline_posts]
यशवंत सिन्हा ने एक प्रेस वार्ता कर इसकी घोषणा की है। उन्होंने पार्टी के ओर से इस बार बदलो बिहार का नारा देते हुए ये पार्टी की बात रखी है। उनके साथ प्रेस वार्ता में कई अन्य लोग भी मौजूद रहे। इसमें पूर्व मंत्री नरेंद्र सिंह, पूर्व सांसद अरुण कुमार, पूर्व मंत्री नागमणि, रेणु कुशवाहा, पूर्व विधायक सिद्धनाथ राय जैसे कई बड़े नेता मौजूद रहे। इस दौरान सबने बदलो बिहार पर जोर देते हुए अपनी बात रखी।
इस दौरान यशवंत सिन्हा ने सभी को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि उनका फ्रंट बिहार विधानसभा चुनाव लड़ने जा रहा है। उनका फ्रंट बिहार में मजबूती से चुनाव लड़ेगा। आने वाले समय में सबको पता चलेगा की तीसरा मोर्चा काफी मजबूत विकल्प है। उन्होंने खुद भी चुनाव लड़ने के संकेत दिए हैं।
यशवंत सिन्हा ने नीतीश सरकार पर हमला किया। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार अपने 15 साल के कार्यकाल में विफल रहे हैं। इस वजह से तीसरे मोर्चे का हमने गठन किया है। आने वाले समय में कई और बड़े नेता हमारे पार्टी से जुड़ सकते हैं। ऐसे में हमारे पार्टी के आने वाले समय में और मजबूत होने की संभावना है। उन्होंने बिहार के बदहाली के लिए राज्य सरकार को जिम्मेदार बताया। उन्होंने कहा कि बिहार में वर्चुअल चुनाव प्रचार संभव नहीं है। राज्य में पहले जैसे ही चुनाव प्रचार होना चाहिए। पिछले दिनों बिहार निर्वाचन आयोग ने इस संबंध में सभी राजनीतिक दलों से बात की थी। उसमें एनडीए ने संक्रमण के कारण वर्चुअल चुनाव प्रचार की बात कही थी।