बिहार म्यूजियम के टिकटों की छपाई में गड़बड़झाला सामने आया है। इसको लेकर कोतवाली थाने में एफआइआर दर्ज कराई गई है। टिकट छापने वाली एजेंसी के चयन में रुपयों की हेराफेरी करने के मामले की जांच का जिम्मा सहायक पुलिस अधीक्षक (विधि-व्यवस्था) को सौंपा गया है।
म्यूजियम के निदेशक युसूफ का आरोप है कि टेंडर से दो दिन पहले ही एजेंसी का चयन कर अधिक कीमत पर टिकट खरीद लिए गए थे। इसके लिए क्रय समिति में रहे पूर्व अपर निदेशक जयप्रकाश नारायण सिंह, संग्रहाध्यक्ष संग्रह मौमिता घोष, संग्रहाध्यक्ष इतिहास रणधीर सिंह राजपूत और पूर्व आउटसोर्स आइटी मैनेजर सुमित कुमार को प्राथमिकी में आरोपित बनाया गया है।
हालांकि बिहार संग्रहालय के तत्कालीन अपर निदेशक जयप्रकाश नारायण सिंह ने आरोपों को बेबुनियाद ठहराया है। उनका कहना है कि सभी वित्तीय भुगतान निदेशक युसूफ के हस्ताक्षरित चेक से किए गए हैं। एसएसपी गरिमा मलिक ने कहा कि एएसपी की जांच रिपोर्ट के आधार पर विधि-सम्मत कार्रवाई की जाएगी।
क्या है पूरा मामला?
निदेशक युसूफ ने शिकायत में लिखा है कि बिहार म्यूजियम में टिकटों की बिक्री के लिए क्रय समिति बनाई गई थी। म्यूजियम को डिजायन करने वाली कंपनी ने पहली बार टिकट छाप कर दिए थे। टिकट समाप्त होने पर क्रय समिति ने आठ फरवरी 2018 को एजेंसी का चयन करने के लिए टेंडर निकाला, लेकिन इससे दो दिन पहले यानी छह फरवरी 2018 को ही टिकटों खरीद लिए गए थे। रजिस्टर के अवलोकन से स्पष्ट होता है कि अधिक कीमत पर टिकट का क्रय किया गया। पूर्व लेखापाल योगेंद्र प्रसाद पर खरीदारी के लिए फाइल पर गलत तरीके से भुगतान करने का आरोप है।
वहीं, पूर्व अपर निदेशक का कहना है कि पहली बार छपे टिकट छह फरवरी 2018 को समाप्त हो गए थे। इसके लिए निविदा निकाली गई थी, जिसमें हैदराबाद, दिल्ली और मुंबई की कंपनियों से भी बात हुई थी। अधिक कीमत होने के कारण बात नहीं बनी। तब इमरजेंसी में पटना की कलाकृति कंपनी से तत्काल बड़े और बच्चों के लिए 75-75 टिकट बनवाए गए थे। ये टिकट आठ फरवरी 2018 को मिले थे। गौरतलब है कि अब तक बिहार म्यूजियम से जुड़े चार मुकदमे कोतवाली थाने में दर्ज हो चुके हैं।
पटना में हुए जलजमाव का मामला हाईकोर्ट में, 18 को होगी सुनवाई
कोतवाली थाने में मामला दर्ज एएसपी को जांच का जिम्मा
बिहार संग्रहालय में टिकट के लाखों रुपये गबन करने के मामले में कोतवाली थाने में दर्ज प्राथमिकी मामले में एएसपी विधि व्यवस्था स्वर्ण प्रभात के सुपरविजन का इंतजार है। मामले के अनुसंधानकर्ता सुबोध मंडल ने सभी आरोपितों का बयान दर्ज कर लिया है। इनमें उन लोगों ने संलिप्तता होने से साफ तौर पर इनकार कर दिया है।
बिहार संग्रहालय के निदेशक मो युसुफ के बयान के आधार पर संग्रहालय के संग्रहालयाध्यक्ष संग्रह मौमिता घोष, पूर्व अपर निदेशक जय प्रकाश नारायण सिंह, संग्रहालयाध्यक्ष इतिहास रणवीर सिंह राजपूत, पूर्व आउटसोर्स आइटी मैनेजर सुमित कुमार व पूर्व लेखापाल योगेंद्र प्रसाद पाल के खिलाफ कोतवाली थाने में दो सितंबर को प्राथमिकी दर्ज की गयी थी। एसएसपी गरिमा मलिक ने बताया कि मामले में जांच चल रही है। एएसपी खुद मामले की जांच कर रहे हैं। जांच के बाद ही स्थिति स्पष्ट हो सकती है।