Home बिहार पटना शिक्षक दिवस के अवसर पर टीइटी/एसटीइटी नियोजित शिक्षकों ने मनाया संकल्प दिवस

शिक्षक दिवस के अवसर पर टीइटी/एसटीइटी नियोजित शिक्षकों ने मनाया संकल्प दिवस

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तिलौथू (रोहतास)। डेहरी अनुमंडल अंतर्गत तिलौथू प्रखंड के थाना क्षेत्र में स्थित सभी टीइटी/ एसटीइटी नियोजित शिक्षकों ने शिक्षक दिवस के अवसर पर बांह पर काली पट्टी बांध कर एवं संकल्प पत्र का वाचन करते हुए संकल्प दिवस मनाया। मौके पर इस संबंध में संघ के जिला मिडिया प्रभारी वकील अहमद ने बताया कि बहुप्रतीक्षित सेवा शर्त को बिहार की कैबिनेट ने पारित कर दिया।

शिक्षकों की महत्वपूर्ण मांगों को दरकिनार कर दिया गया

सेवा शर्त में मोटे तौर पर ऐच्छिक स्थानान्तरण, फुलफ्रेज इपीएएफ, अर्जितावकाश, ग्रेच्युटी, बीमा, मेडिकल समेत टीइटी एसटीइटी उत्तीर्ण नियोजित शिक्षकों की महत्वपूर्ण मांगों को दरकिनार कर दिया गया। जहां ऐच्छिक स्थानान्तरण का लाभ शिक्षिकाओं एवं विकलांगों के लिए केवल एकबार रखा गया वहीं म्युचअल स्थानान्तरण के नाम पर शिक्षकों को भ्रमित करने की कोशिश की गई। अर्जितावकाश भी राज्यकर्मियों को 300 दिनों का मिलता है वहीं हमलोगों को महज 120 दिनों का दिया गया। केंद्र सरकार द्वारा लाये गये इपीएफ संशोधन कानून के आलोक में मूल वेतन पर इपीएफ कटौती के बजाय मिनिमम वेज पर इपीएफ की कटौती करते हुए हमारे इपीएफ के पर भी कतर दिये गये।

ग्रेच्युटी बीमा एवं मेडिकल आदि सुविधाओं का तो जिक्र तक नही है

अनुकंपा के नाम पर हमारे आश्रितों के लिए मस्टररॉल टाइप अनुसेवी और विद्यालय सहायक जैसे मानदेयी पद गढ़े गये जिनसे एक परिवार का मिनिमम गुजारा संभव नही। ग्रेच्युटी बीमा एवं मेडिकल आदि सुविधाओं का तो जिक्र तक नही है। प्रोन्नति एवं पदौन्नति जैसे मसले पर RTE और NCTE के प्रावधानों की खुली धज्जियां उड़ाकर हम सबके भविष्य से खिलवाड़ किया गया। डीए में कटौती करते हुए 01 अप्रैल 2021 से 15% वेतनवृद्धि का लालीपाप दिखाया जा रहा है जबकि सुप्रीम कोर्ट ने पिछले साल ही टीइटी शिक्षकों के लिए बेटर पे स्कैल का सुझाव दिया। यह सेवा शर्त सर्वोच्च न्यायालय के वेतन संबंधी न्यायिक सुझावों का भी निषेध कर रही है।

शिक्षकों के बंधुआ गिरी को बहाल बनाये रखने का ही कानूनी जामा है: वकील अहमद

मोटे तौर पर यह दिख रहा कि यह नया सेवा शर्त हम शिक्षकों के बंधुआ गिरी को बहाल बनाये रखने का ही कानूनी जामा है। लिहाजा हमारी लड़ाई अपनी जगह पर बदस्तुर कायम है। वहीं प्रखण्ड अध्यक्ष कन्हैया शर्मा एवं महासचिव उदय कुमार ने बताया कि सहायक शिक्षक राज्यकर्मी का दर्जा तदनुरूप सेवा शर्त की मांग पर हमलोग नियोजन के समय से ही संघर्ष करते रहे हैं। अनवरत संघर्ष और बार-बार मांग करने के बावजूद यह सरकार शिक्षकों के प्रति क्रूर अपमानजनक रवैया अपनाये हुए है।

न्यायोचित मांगों की पूर्ति होने तक अपना संघर्ष जारी रखेंगे

टीइटी /एसटीइटी शिक्षकों को चरम अपमानजनक स्थिति में धकेलनेवाली, शिक्षकों को उनके वाजिब कानूनी हक से वंचित करनेवाले शिक्षा व शिक्षकविरोधी तानाशाह सरकार के खिलाफ हम प्रखण्ड के शिक्षक आज शिक्षक दिवस के दिन “संकल्प दिवस” मनाते हुए संकल्प लेते हैं कि अपनी न्यायोचित मांगों की पूर्ति होने तक अपना संघर्ष जारी रखेंगे।

प्रखण्ड मीडिया प्रभारी मनीष कुमार, प्रदीप कुमार, संतोष कुमार, नाज़िया अहमद, नीतू कुमारी, गोवर्धन चौधरी समेत कई शिक्षकों ने भी संकल्प लेते हुए बदला लो, बदल डालो नारे के साथ सरकार की दमनकारी नीति का विरोध किया एवं सरकार को चेतावनी दी कि हमारी मांगों पर विचार नहीं किया गया तो हम आगामी चुनाव में सरकार के विरूद्ध जाने पर बाध्य होंगे।

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