बिहार के सरकारी स्कूलों में अब एक बार फिर आप प्रहरी को देख सकेंगे। जी हां, आपने बिल्कुल सही पढ़ा। सूबे के 2742 सरकरी स्कूलों में एक बार फिर से प्रहरी रखे जाएंगे। चूंकी, सरकारी स्कूलों को स्मार्ट क्लास चलाने के लिए कंप्यूटर, टीवी के साथ कई सामान दिया गया है। यही कारण है कि सरकार ने स्कूलों में प्रहरी रखने निर्णय लिया है। इन सामग्रियों की चोरी ना हो इसके लिए एक प्रहरी रखने का प्रावधान किया गया है। इस व्यवस्था के तहत अब सरकारी स्कूलों में एक प्रहरी रखा जाएगा। जिसे मानदेय दिया जाएगा।
बता दें कि 2742 स्कूलों में मानदेय पर प्रहरी रखे जाने की व्यवस्था की गई है। इतना ही नहीं जिन स्कूलों को अपग्रेड किया गया है वहां भी जल्द ही प्रबंध समिति का गठन किया जाएगा। बीजेपी के विधान पार्षद नवल किशोर यादव के अल्प सूचित प्रश्नों का जवाब देते हुए शिक्षा मंत्री कृष्ण नंदन वर्मा ने यह घोषणा शुक्रवार को की है।
मानदेय पर रखे जाएंगे प्रहरी
शिक्षा मंत्री ने कहा है कि सरकारी में स्कूलों स्मार्ट क्लास चलाने के लिए टीवी, कंप्यूटर के साथ ही कई उपकरण दिए गए हैं। इसका रखरखाव ठीक ढंग से हो और इन सामानों की चोरी ना हो इसके लिए प्रहरी रखने का निर्णय लिया गया है। यह खासकर उन विद्यालयों के लिए है, जहां, चतुर्थवर्गीय कर्मियों की संख्या सिर्फ एक है। बता दें एमएलसी नवल किशोर यादव ने शिक्षा मंत्री से यह प्रश्न पूछा था कि शिक्षा विभाग के द्वारा जो उपकरण स्कूलों को दिए जा रहे हैं उसकी चोरी होने लगी है।
उन्होंने यह भी कहा क्योंकि विद्यालय प्रबंध समिति के पास पैसा नहीं होता है। इस स्थिति में वह क्या करें। इसके अलावा जो अपग्रेडेड विद्यालय भी हैं उनमें भी प्रबंध समिति की व्यवस्था नहीं है। इसका जवाब देते हुए शिक्षा मंत्री ने यह भी कहा बिहार सरकार सरकारी स्कूलों की प्रबंध समिति से इसके लिए राशि की व्यवस्था करने के लिए कहा था लेकिन व्यवस्था नहीं होने पर शिक्षा विभाग के द्वारा सवा आठ करोड़ रुपया मुहैया कराया गया है। मानदेय पर रखे जाने वाले प्रहरी को प्रतिमाह 5 हजार दिया जाएगा।
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5000.00 पर विद्यालयों में प्रहरी बहाल होने से बेशकीमती उपकरणों की चोरी का डर ख़त्म नहीं बल्कि चोरी का रास्ता और होगा साफ़।
इससे भ्रस्टाचार का एक नया जन्म होगा।
रमेश चंद्र मिश्र अध्यक्ष उत्प्लव सामाजिक संस्थान