Home बिहार पटना बिहार विधानसभा चुनाव से पूर्व फिर गरमाने लगा आरक्षण का मुद्दा

बिहार विधानसभा चुनाव से पूर्व फिर गरमाने लगा आरक्षण का मुद्दा

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बिहार विधानसभा चुनाव नजदीक आते ही आरक्षण जैसे राजनीतिक मुद्दों पर तकरार शुरु हो गई है। इसको लेकर आरोप प्रत्यारोप का दौर थमने का नाम नहीं ले रहा है। सबसे पहले आरक्षण को लेकर कांग्रेस ने भाजपा को घेरने की कोशिश की है। जिसके बाद बिहार के उपमुख्यमंत्री और भाजपा नेता सुशील कुमार मोदी को आगे आना पड़ा। इस संबंध में कांग्रेस के आरोपों पर उन्होंने उलटा हमला बोल दिया। उन्होंने कहा कि संविधान के खंड-3 के अंतर्गत धारा 15(4) और (5) के अनुसार आरक्षण अनुसूचित जाति, जनजाति एवं पिछड़े वर्गों का मौलिक अधिकार है। भाजपा के रहते कोई भी ताकत इस अधिकार से विभिन्न वर्गों को वंचित नहीं कर सकती है।

बिहार विधानसभा चुनाव कारण हुआ बवाल

उन्होंने कहा कि अटल की सरकार ने संविधान संशोधन कर प्रोन्नति में आरक्षण की व्यवस्था की थी। अब देश में मोदी सरकार ने दलित अत्याचार निवारण अधिनियम में 23 नई धाराएं जोड़ी हैं। जिससे यह कानून और कठोर हुआ है। ऐसे में अब सर्वोच्च न्यायालय ने कुछ धाराओं को शिथिल किया है। हम फिर कानून में संशोधन कर उसे फिर से स्थापित करेंगे। मोदी ने देश की संवैधानिक संस्थाओं से अपील की है। इसमें उन्होंने आरक्षण जैसे संवेदन शील मुद्दों पर सावधान रहने को कहा है। उन्होंने कहा कि आरक्षण बाबा साहेब अंबेडकर और गांधी की देन है। हमारी सरकारों ने इसमें तीन-तीन संशोधन कर इसे सुरक्षित बनाने का प्रावधान किया है।

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सुशील कुमार मोदी कांग्रेस द्वारा लगाए गए आरक्षण से संबंधित आरोपों का जवाब दे रहे थे। सुप्रीम कोर्ट के आरक्षण को कानून बताने के बाद से ही यह मुद्दा फिर से सामने आया है। इसको लेकर विपक्ष सरकार ने विपक्ष पर निशाना साधा है। बिहार युवा कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष रामविलास पासवान से इस्तीफा मांग रही है। बिहार युवा कांग्रेस अध्यक्ष ने इसको लेकर टिप्पणी की है। उन्होंने भाजपा को आरक्षण विरोधी बताया है। उन्होंने कहा कि भाजपा इसे समाप्त करना चाहती है।

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