स्वच्छता के क्षेत्र में पटना का लचर प्रदर्शन जारी है। केंद्रीय शहरी विकास मंत्रलय भारत सरकार द्वारा बुधवार को जारी स्वच्छता सर्वेक्षण की रैकिंग में पटना 1685.55 अंक के साथ, छह स्थान लुढ़ककर 318वें स्थान पर पहुंच गया है। पिछले साल पटना की रैंकिंग 312 थी।
केंद्रीय आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय (MoHUA) की बुधवार को जारी ताजा स्वच्छ सर्वेक्षण रिपोर्ट 2019 के अनुसार, बिहार का एक भी शहर देश के शीर्ष 100 सबसे स्वच्छ शहरों में स्थान नहीं पा सकता है।
इंदौर लगातार तीसरे साल स्वच्छता रैंकिंग में 4659.09 अंक के साथ राष्ट्रीय स्तर पर पहले पायदान पर है, जबकि अंबिकापुर(4394.09) दूसरे और मैसूर(4378.54) तीसरे स्थान पर रहा। मध्य प्रदेश के शहरों ने स्वच्छता के क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रदर्शन किया है। इसके मुकाबले उत्तर प्रदेश और बिहार जैसे बड़े राज्यों की शहरी तस्वीर में संतोषजनक सुधार नहीं हुआ है। टॉप-20 की सूची में उत्तरप्रदेश के एक मात्र शहर गाजियाबाद ने 13वां स्थान प्राप्त किया है।
4237 शहरों को सर्वेक्षण में किया गया शामिल
आंकड़ों पर गौर करें तो वर्ष 2015-16 में देश के 72 शहरों में हुए स्वच्छता सर्वेक्षण में पटना 69वें स्थान पर था। वर्ष 2016 -17 में 500 शहरों में पटना को 262वीं रैंक मिली। पिछले साल 2017 -18 में 4041 शहरों में पटना का स्थान 312 था। इस बार देश के 4237 शहरों को सर्वेक्षण में शामिल किया गया था जिसमें पटना को 318वां स्थान हासिल हुआ।
यहाँ देखे शहरों का सर्वेक्षण रिपोर्ट
पटना की सफाई में सुधार हुआ
लगातार गिरती रैंकिंग के मामले में मेयर सीता साहू ने कहा कि पटना की सफाई में सुधार हुआ है। फिर भी कहां चूक हुई इसकी समीक्षा की जाएगी। शहर की सफाई के लिए कई योजनाएं शुरू की गई हैं, जो अभी धरातल पर नहीं उतर पाई हैं। अगले साल कई योजनाएं पूरी हो जाएगी। इससे पटना की रैंकिंग ठीक होने में काफी मददगार होगी।
उन्होंने दावा किया कि अगले साल पटना की रैंकिंग टॉप-50 में होगी। वहीं नगर निगम की सूचना जनसंपर्क अधिकारी हर्षिता ने बताया कि अभी तक निगम को मेल से इसकी सूचना संबंधित विभाग या एजेंसी द्वारा नहीं दी गई है।
स्वच्छ भारत मिशन के तहत शहरों की रैंकिंग
बताते चलें की MoHUA 2016 के बाद से केंद्र के स्वच्छ भारत मिशन के तहत भारत के शहरों की रैंकिंग कर रहा है। सर्वेक्षण में स्वच्छता, नागरिकों की प्रतिक्रिया और ठोस अपशिष्ट के प्रसंस्करण जैसे कई मापदंडों पर शहरों का आकलन किया जाता रहा है।
बिहार राज्य के लिए हालिया सर्वेक्षण निराशाजनक था, बिहार के चार शहरों को केंद्र सरकार के स्मार्ट सिटी मिशन के तहत स्मार्ट शहरों में विकसित किया जा रहा है।