पटना। बिहार के बड़े नेताओं में से एक RJD के रघुवंश प्रसाद सिंह का रविवार को दिल्ली एम्स में निधन हो गया। रघुवंश प्रसाद के निधन के बाद बिहार की सियासत में शोक की लहर फैल गई। सीएम नीतीश कुमार समेत कई राजनीतिक दलों के नेताओं ने रघुवंश प्रसाद के निधन पर शोक जताया।
संकटमोचक के निधन पर हूं दुखी
वहीं अपने संकटमोचक ब्रहबाबा के निधन पर दुखी पूर्व सीएम लालू प्रसाद यादव ने ट्वीट कर लिखा कि-प्रिय रघुवंश बाबू! ये आपने क्या किया? मैनें परसों ही आपसे कहा था आप कहीं नहीं जा रहे है। लेकिन आप इतनी दूर चले गए। नि:शब्द हूं। दुःखी हूं। बहुत याद आयेंगे। नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी ने ट्वीट कर लिखा कि राजद के मजबूत स्तम्भ,प्रखर समाजवादी जनक्रांति पुंज हमारे अभिभावक पथ प्रदर्शक आदरणीय रघुवंश बाबू के दुःखद निधन पर मर्माहत हूं।
राजद परिवार के पथ प्रदर्शक
आप समस्त राजद परिवार के पथ प्रदर्शक, प्रेरणास्रोत व गरीब की आवाज बने रहे! आपकी कमी राजद व देश को सदैव खलेगी। रघुवंश बाबू की क्रांतिकारी समाजवादी धार राजद के हर कार्यकर्ता के चरित्र में है। उनकी गरीब के प्रति चिंता, नीति, सिद्धांत, कर्म, और जीवनशैली हमेशा हमारे लिए प्रेरणास्त्रोत बनी रहेगी।
राजद के मजबूत स्तम्भ, प्रखर समाजवादी जनक्रांति पुंज हमारे अभिभावक पथ प्रदर्शक आदरणीय श्री रघुवंश बाबू के दुःखद निधन पर मर्माहत हूँ।
आप समस्त राजद परिवार के पथ प्रदर्शक, प्रेरणास्रोत व गरीब की आवाज बने रहे!।आपकी कमी राजद व देश को सदैव खलेगी।
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) September 13, 2020
राजद को अपनी मेहनत और वैचारिक दृष्टिकोण से सिंचने वाले कर्म के धनी महान व्यक्तित्व को सादर नमन। उधर जदयू सांसद ललन सिंह ने शोक व्यक्त करते हुए कहा कि रघुवंश बाबू के निधन से जो राजनीति में जो क्षति हुई उसे पूरा नहीं किया जा सकता।
एक सच्चे बिहारी थे रघुवंश प्रसाद सिंह
जदयू सांसद ललन सिंह ने कहा कि वो एक सच्चे बिहारी थे। उधर झारखंड के मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने पूर्व केंद्रीय मंत्री रघुवंश प्रसाद सिंह के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि रघुवंश जी एक सरल हृदय जननेता थे। उनका निधन एक अपूरणीय क्षति है। भगवान दिवंगत आत्मा को शांति और परिजनों को दुःख की इस घड़ी को सहन करने की शक्ति दें।
रघुवंश प्रसाद हाल ही में राजद से इस्तीफा दिया था। रघुवंश प्रसाद सिंह लगातार पार्टी से खफा चल रहे थे और और दिल्ली के एम्स से लालू यादव के नाम अपना 30 शब्दों का इस्तीफा लिखकर भेजा था, जिसके बाद सियासत गरमा गई थी। लालू यादव ने रघुवंश प्रसाद को मनाने के लिए चिट्ठी लिखी थी और कहा था आप कहीं नहीं जा रहे हैं लेकिन उसके बाद भी रघुवंश प्रसाद लगातार बिना राजद का नाम लिए पार्टी के अंदर चल रही गतिविधियों के खिलाफ चिट्ठी लिख रहे थे।