पटना। बिहार में लॉकडाउन के दौरान मुजफ्फरपुर रेलवे जंक्शन पर एक महिला की मौत के बाद उसके कफन को आंचल समझ खलते बच्चे की तस्वीर वायरल हुई थी। बीते 25 मई की उस घटना ने देश की संवेदना का झकझोर दिया था। मामले का पटना हाईकोर्ट ने संज्ञान लिया था। अब हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से पूछा कि उसने जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ अबतक क्या कार्रवाई की?
मृत मां के कफन के साथ खेल रहा था मासूम
विदित हो कि बीते 25 मई को मुजफ्फरपुर रेलवे जंक्शन पर मृत महिला के कफन के साथ उसके मासूम बच्चे को खेलते हुए देखा गया था। बच्चे को पता नहीं था कि उसकी मां अब जीवित नहीं है। वह बच्चा मां पर रखे गए कफन को आंचल समझ उसे खींच कर जगा रहा था। बच्चे को शायद यह उम्मीद थी कि मां सो रही है। बच्चों को पता तक नहीं था कि उसके सिर से ममता का आंचल छिन गया और वह अनाथ हो चुका है।
घटना का पटना हाईकोर्ट ने लिया संज्ञान
घटना का वीडियो वायरल होने के बाद राज्य सरकार व रेल प्रशासन की जमकर किरकिरी हुई थी। इसके बाद हाईकोर्ट ने भी घटना का संज्ञान लिया था। इसी मामले की सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायाधीश संजय करोल की अध्यक्षता वाली दो सदस्यीय खंडपीठ ने राज्य सरकार से पूछा कि वह इस प्रकार की आपदा में क्या करती है? राज्य सरकार ने बताया कि उस बच्चे को कल्याणकारी योजना के अंतर्गत लाभ दिया जा रहा है। अब हाईकोर्ट सुनवाई के लिए 25 सितंबर की तिथि निर्धारित करते हुए घटना के दोषी अधिकारियों पर हुई कार्रवाई की जानकारी मांगा।
जानिए क्या थी घटना
बीते 25 मई को लॉकडाउन के दौरान मुजफ्फरपुर जंक्शन पर अहमदाबाद (गुजरात) से कटिहार जा रही एक प्रवासी महिला श्रमिक पहुंची। मुजफ्फरपुर पहुंचने के पहले ही ट्रेन में उसकी मौत हो गई। वह कटिहार के आजमनगर थाना के आजमनगर निवासी इस्लाम की पत्नी अरबिना खातून थी। रेल पुलिस ने शव को मुजफ्फरपुर जंक्शन के प्लेटफॉर्म संख्या तीन पर उतारा और वहीं रख दिया। महिला की मौत के बाद उसके दो बेटे रहमत और अरमान अनाथ हो गए। अरबिना खामून अपनी बहन कोहिनूर खातून व बहनोई वजैर आलम के साथ अहमदाबाद की एक स्टील फैक्ट्री में मजदूरी करती थी। कोहिनूर भी अपने एक बेटे के साथ मुजफ्फरपुर पहुंची थी।