लॉकडाउन के दौरान पूरे देश से मजदूरों का पलायन जारी है। देश के विभिन्न राज्यों से मजदूर अपने प्रदेश में आ रहे हैं। मजदूरों के लिए सभी राज्य सरकारें ने विशेष तैयारियां की हुई है। ऐसे में बिहार में भी मजदूरों का आना लगातार जारी है। बिहार सरकार ने भी उनके जांच एवं क्वारंटाइन का प्रबंध किया है। विभिन्न राज्यों कि सीमाओं और रेलवे स्टेशनों पर निगरानी रखी जा रही है। इस दौरान बिहार आए मजदूरों के रोजगार पर भी बात हो रही है। बिहार सरकार ने रोजगार को लेकर निर्णय लेना शुरू कर दिया है। जिससे कि बिहार में मजदूरों को रोजगार मिले। इससे बिहार से मजदूरों के पलायन को रोका जाए।
बिहार में रोजगार के लिए पथ निर्माण विभाग के फैसले
बिहार सरकार ने मजदूरों के लिए बड़ा निर्णय लिया है। लॉकडाउन के दौरान पूरे देश से मजदूर वापस घर आ रहे हैं। जिनके रोजगार को लेकर हर प्रदेश की चिंतित है। बिहार सरकार के पथ निर्माण मंत्री नंदकिशोर यादव ने मजदूरों के रोजगार को लेकर प्रेस कॉन्फ्रेंसिंग की है। मंत्री ने बताया कि मजदूरों के कौशल के आधार पर रोजगार देने की बात कही है। उन्होंने कहा है कि सड़क निर्माण के लिए मशीनों का उपयोग कम करके मजदूरों से काम लिया जाएगा। विभाग ने इस संबंध में हर जिला अधिकारियों को निर्देश जारी कर दिया है।
विभाग ने कहा है कि मजदूरों के कौशल के आधार पर उनकी सूची तैयार की जाए। ग्रामीण इलाकों में सड़क निर्माण के लिए ज्यादा से ज्यादा मजदूरों से मदद लेनी है। वहीं हाईवे निर्माण में मजदूरों का उपयोग कम किया जाएगा। मंत्री ने लॉकडाउन के दौरान डिजिटल तरीके से चुनाव कराने पर अपनी राय रखी है। उन्होंने कहा है कि आयोग के फैसले के अनुसार चुनाव होंगे। इसके अलावा विपक्ष पर भी उन्होंने हमला किया। कांग्रेस और आरजेडी अभी अपनी छवि चमकाने में लगी है।
बिहारी का साथी ऍप के माध्यम से iBihar कर रही है प्रवासी मजदूरों की मदद