पटना से बोधगया डोभी फोरलेन का निर्माण में देरी के कारण हाई कोर्ट नाराज है। विदित हो कि पटना उच्च न्यायालय ने इससे पहले भी बार-बार बड़े पदाधिकारियों को बुलाकर निर्माण कार्य को तेजी से निपटाने का आदेश दिया था, बावजूद इसके जमीन की कमी से फोरलेन निर्माण कार्य को सुस्त गति से किए जाने से हाईकोर्ट खफा है।
बता दें कि पटना गया डोभी फोरलेन का काम काफी मध्यम गति से चल रहा है। बताया गया है कि जमीन की कमी है। कई जगहों पर जमीन का अधिग्रहण कर लिया गया है, तो कई जगहों पर जमीन की कीमतों में भिन्नता से विवाद पैदा हो रहा है।
यही वजह है कि पटना गया सड़क के बनने में काफी देर हो रही है। मुख्य न्यायाधीश संजय करोल की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने नाराजगी जताते हुए कहा है कि देश के कई राज्यों में केंद्र और राज्य सरकार के प्रयास से सड़कें बन रही है। एक बिहार है जहां पटना गया के बीच चौड़ी सड़क बनाने के लिए जमीन का अधिग्रहण नहीं हो पा रहा है। राज्य सरकार कार्यों में तेजी नहीं ला रही।
जनहित याचिका की गयी दायर
गौरव कुमार सिंह की जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायाधीश संजय करोल की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने केंद्र सरकार की ओर से दी गई जानकारी पर जमीन विवाद को लेकर उच्च स्तरीय कमेटी का गठन करने का आदेश दिया है। साथ ही जमीन की कीमत संबंधी विवाद को जल्द से जल्द हल करने का भी आदेश दिया।
इतना ही नहीं कोर्ट को यह भी बताया गया है कि अतिक्रमण से संबंधित मामले का भी निपटारा पटना गया रोड पर नहीं हो रहा है। संबंधित अधिकारी अतिक्रमण हटाने में देर कर रहे हैं। इस मौके पर एडिशनल सॉलिसिटर जनरल एचडी संजय ने कोर्ट को बताया कि nh-83 पर करीब 27 किलोमीटर सड़क का निर्माण कार्य नहीं हो सका है। इस बाबत पटना हाई कोर्ट खफा है।
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