पिछले पखवाड़े बिहार के अधिकतर इलाकों से बाढ़ का जलस्तर वापस जा रही थी। लेकिन यह पुनः फैलती जा रही है। फ़िलहाल गंगा का जलस्तर बिहार के कई क्षेत्रों में खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। बढ़ते जलस्तर के कारण नौगछिया, बक्सर, खगरिया, कटिहार समेत उत्तर बिहार के अधिकतर जिले प्रभावित हो रहे है।
बाढ़ के जलस्तर में वृद्धि से लोगों का संपर्क बाकी दुनिया से कट सा गया है। दूसरी ओर कटाव से कई मकान और खेत नदी की धारा में बह जा रहे है।
बाढ़ में बहा स्कूल
कटिहार में एक सरकारी स्कूल के तेज बहाव में बहने की खबर आई है। दरअसल इस स्कूल के पास कई दिनों से नदी कटाव कर रही थी। इसने फैलते-फैलते स्कूल को अपने आगोश में ले लिया। इससे पहले भी इसी स्कूल की कुछ कमरे इसी तरह पानी में बह गए थे। स्कूल को फ़िलहाल अन्यत्र स्थानांतरित कर दिया गया है। इस घटना में किसी के हताहत होने की कोई खबर नहीं है।
ग्राउंड रिपोर्ट: 21वीं सदी में भी बिहार के लोग क्यों हैं बाढ़-सुखाड़ की विभीषिका से त्रस्त
#WATCH Bihar: A school gets washed away in Ganga River in Katihar. No person was present in the school at the time of incident as the Education Department had suspended classes at the premises & shifted children to another school, earlier. pic.twitter.com/4z38NXM5nS
— ANI (@ANI) September 16, 2019
कब तक घटेगी जलस्तर
ग्रामीणों का मानना है कि दुर्गा पूजा तक जलस्तर में कमी आ सकती है। फ़िलहाल इसमें तेज बढ़ोतरी हो रही है। यदि इसी तरह जलस्तर बढ़ती रही तो रबी की बुवाई में विलम्ब हो सकती है।
बिहार में बाढ़ का प्रकोप
बिहार में बाढ़ कोई नई बात नहीं है। प्रशासनिक उदासीनता के कारण बाढ़ को बिहार का पांचवा मौसम कहा जाता है। बिहार की सदियों पुरानी समस्या आज भी अपने समाधान की बाँट जोह रही है। हरेक साल आने वाली यह आपदा करोड़ो की क्षति करती है। मीडिया रिपोर्टों के अनुसार इसबार भी तक़रीबन 30 से 40 लाख लोग इस आपदा से पीड़ित है। इससे सबसे अधिक परेशानी ग्रामीणों को उठानी पड़ती है, जहाँ तटबंधों की अत्यधिक कमी है।