बिहार में अक्टुबर नवंबर में विधानसभा चुनाव होना है। इसको लेकर सभी राजनीतिक दल अपनी तैयारियों में लगे हुए हैं। जहां एक ओर चुनाव आयोग पहले ही चुनाव को लेकर स्थिति को स्पष्ट कर चुका है। वहीं राजनीतिक पार्टियों में अभी भी इसको लेकर अपनी अलग-अलग राय सामने आ रही है। ऐसे में लगातार भ्रम की स्थिति बनी हुई है कि इस साल विधानसभा चुनाव होगा या नहीं।
बिहार विधानसभा चुनाव के लिए 31 जुलाई तक मांगा सुझाव
इसी बीच शुक्रवार को चुनाव आयोग ने चुनाव सभी पार्टियों की बैठक की है। भारत के निर्वाचन आयोग ने ये बैठक बिहार विधानसभा चुनाव के संदर्भ में की। जिसमें राज्य के सभी मान्यता प्राप्त राजनीतिक दल मौजूद रहे। इन सभी को चुनाव आयोग ने चुनाव प्रचार के तरीकों पर अपनी राय जल्द देने को कहा है। आयोग के सचिव ए नटी भूटिया ने इस संबंध में पत्र जारी कर के पार्टियों से सुझाव एवं उनकी राय मांगी है। जिससे की स्थिति को स्पष्ट किया जा सके।
आयोग के सचिव द्वारा जारी पत्र में भूटिया ने 31 जुलाई तक अपनी राय देने को कहा है। पत्र में आयोग के द्वारा जारी दिशा निर्देश में कहा गया कि चुनाव प्रचार के तरीके पर सुझाव मांगा गया है। आयोग ने कहा है कि देश में कोरोना का संकट लगातार बना हुआ है। जबकि संक्रमण को रोकने का हर संभव प्रयास किया जा रहा है।
आयोग ने पहले भी इस संबंध में कई बार बैठक की है। इससे पूर्व भी 25 जून को सभी दलों के साथ आयोग ने विधानसभा चुनाव को लेकर बैठक की थी। वहीं पिछले दिनों आयोग ने मतदाता सूची को दुरुस्त करने का जिम्मा जिला पदाधिकारियों को दे रखा है। ऐसे में बिहार में समय से विधानसभा चुनाव होने के आसार नजर आ रहे हैं। खैर हर पार्टियों में इसको लेकर अपनी अलग-अलग राय सामने आ रही है। राजद एक ओर संक्रमण के समय में चुनाव न करा कर राष्ट्रपति शासन लगाने की बात कह रही है। वहीं बीजेपी ने समय से चुनाव कराने की मांग की है।