आये दिन बिहार के चिकित्सा व्यवस्था पर उठते सवालों के बीच बिहार में डॉक्टरों की अनोखी कारगुजारी सामने आई है। यह घटना बिहार के गया जिले की है, जहां के मगध मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में हाइड्रोसील का ऑपरेशन कराने मरीज रामभजन यादव आये हुए थे। यहां डॉक्टरों ने मरीज़ के हाइड्रोसील की जगह उनकी पैर का ऑपरेशन कर दिया।
डॉक्टरों को बताया गया था कि उन्हें हीड्रोसिल की ऑपरेशन करवाना है। ऑपेरशन थिएटर में आने से पूर्व तक डॉक्टर हीड्रोसिल के इलाज की बात कर रहे थे, लेकिन जब मरीज को OT से बाहर लाया गया तो सभी चौक गए। उनके पैर में पट्टी बंधी हुई थी, जबकि ऑपरेशन हाइड्रोसील का करवाना था। दरअसल, डॉक्टरों ने हाइड्रोसील की जगह उनके पाँव का ऑपेरशन कर दिया था।
चिकित्सा व्यवस्था की जगहंसाई
डॉक्टरों की इस कारगुजारी के बाद लोग बिहार के चिकित्सा व्यवस्था की खिल्ली उड़ा रहे है। यह घटना पुरे क्षेत्र में चर्चा की विषय बन गई है। इससे पूर्व भी बिहार में डॉक्टरों की वजह से चिकित्सा व्यवस्था की जगहंसाई होते रही है। पिछले वर्ष जून 2018 में, गोपालगंज के सदर अस्पताल के डॉक्टरों ने एक नवजात शिशु को मृत घोषित कर शव को दफनाने की सलाह दी थी, बाद में कब्र से लौटते लोगों ने जब नवजात के रोने की आवाज़ सुनी थी तो खुदाई कर शिशु को बाहर निकाला गया था। लेकिन, अत्यधिक खून बहने से बच्चे को नहीं बचाया जा सका था।
ऐसी ही मिलती-जुलती एक अन्य घटना बक्सर के सदर अस्पताल से अक्टूबर 2018 में सामने आई थी। एक आवारा कुत्ता ऑपरेशन थिएटर में एक मरीज़ का कटा पैर ले भागा था। बाद में मरीज़ को भी बचाया नहीं जा सका था। सरकारी अस्पतालों को चमकी बुखार के समय भी आमजन के नाराज़गी का कोपभाजन बनना पड़ा था।
बिहार सरकार के सरकारी विभागों में 1879 पदों पर होगी बहाली
आये दिन इस तरह की होती घटनाएं न सिर्फ सरकारी स्वास्थ्य व्यवस्था की पोल खोलती नज़र आती है, बल्कि आमजन के बीच भी सरकारी अस्पतालों के प्रति अविश्वास बढ़ाने का काम करती है। यही कारण है कि निजी अस्पतालों का क़ारोबार फलता-फूलता नज़र आता है।