राष्ट्रीय जनता दल के चार विधायक पहले ही दल बदलकर यह संकेत दे चुके हैं कि सोमवार से शुरू होने वाले बिहार विधानमंडल के बजट सत्र के दौरान बहुत कुछ अप्रत्याशित हो सकता है। 2020 चुनावी साल है और 24 फरवरी से 31 मार्च तक चलने वाले इस सत्र में कुल 22 बैठकें होनी हैं। यह संभावना व्यक्त की जा रही है कि नौ अप्रैल से राज्यसभा की खाली होने जा रही पांच सीटों के लिए चुनाव भी इसी सत्र के दौरान हो जाए। ऐसे में चालू बजट सत्र को बिहार की सियासत में कई सदस्यों के लिए मौके के रूप में देखा जा रहा है।
विदित हो कि यह सत्र आगामी राज्य विधानसभा चुनाव के लिहाज से काफी महत्वपूर्ण साबित हो सकता है, क्योंकि सत्र के समाप्त होते ही राजनीतिक दल और संभावित प्रत्याशी चुनाव मैदान की ओर रुख कर जाएंगे। ऐसे में बजट सत्र के दौरान ही दल विशेष के प्रति विधायकों के लगाव-दुराव की झलक भी दिख सकती है। अपने-अपने क्षेत्रों में वोटों के समीकरण के मुताबिक भीतर ही भीतर पाला बदलने का खेल भी शुरू हो सकता है।
विधानसभा चुनाव की अधिसूचना
हालांकि, विधानसभा चुनाव की अधिसूचना जारी होने से पहले तक बिहार विधानमंडल का एक सत्र और होना है। फिर भी दलों की तैयारियों और क्षेत्रों के सामाजिक समीकरण के अनुसार परोक्ष तौर पर कुछ सदस्यों के संतुष्ट या असंतुष्ट होने का संकेत भी सत्र के शुरुआत में ही मिल सकता है। वहीं, विधायकों के सामने सदन में प्रखर रुप से अपने वोटरों को प्रभावित करने का भी यह लगभग आखिरी अवसर होगा, क्योंकि बैठकों के हिसाब से इतने लंबे सत्र का आयोजन अब अगली विधानसभा में ही होगा।
गौरतलब है कि राज्यपाल फागू चौहान आज यानि 24 फरवरी की दोपहर 11.30 बजे विधानमंडल के दोनों सदनों को संयुक्त रूप से संबोधित करेंगे। इस कार्यक्रम का आयोजन सेंट्रल हॉल में होगा। अभिभाषण के पहले विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार चौधरी का प्रारंभिक संबोधन होगा। आज ही के दिन डिप्टी सीएम सुशील मोदी वित्तीय वर्ष 2019-20 के आर्थिक सर्वेक्षण को भी सदन में पेश करेंगे।
बात अगर पिछले सत्रों की करें तो पिछले सत्रों में पारित वैसे विधेयकों को, जिन्हें राज्यपाल ने अनुमति दे दी है, उन्हें सदन पटल पर रखा जाएगा। शाम चार बजे से सेंट्रल हॉल में सांस्कृतिक कार्यक्रम होगा, जिसमें जलियांवाला बाग की 100वीं बरसी पर दास्तान-ए-जालियां और लोककथाओं पर आधारित दास्तान-ए-चौबोली का आयोजन किया जाएगा।
कल पेश होगा बजट
वित्तीय वर्ष 2020-21 के लिए बजट मंगलवार को पेश किया जाएगा। बजट के बाद राज्यपाल के अभिभाषण पर विमर्श होगा। दो दिन बाद गुरुवार से बजट पर पक्ष-विपक्ष में वाद-विवाद शुरू होगा। सात से 15 मार्च तक सदन की कार्यवाही नहीं होगी। इस दौरान होली की छुट्टी भी है। शनिवार और रविवार को भी बैठकें नहीं होंगी। पुन: 14 मार्च से बैठक फिर शुरू होगी। आखिरी दो दिन 30 और 31 मार्च को राजकीय एवं गैर सरकारी संकल्प लिए जाएंगे।
सुप्रीम कोर्ट का ऐतिहासिक फैसला, सेना में महिलाओं के लिए होगा स्थायी कमीशन