दिल्ली की साकेत स्थित विशेष पॉक्सो कोर्ट ने आज मंगलवार को बृजेश ठाकुर को बिहार के मुजफ्फरपुर बालिका गृह में कई लड़कियों के साथ यौन उत्पीड़न और शारीरिक रूप से हमला करने के लिए आजीवन कारावास की सजा सुनाई।
बिहार के बहुचर्चित मुजफफरपुर शेल्टर होम केस में दिल्ली की साकेत कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है। साकेत कोर्ट ने इस मामले के किंगपिन और दोषी करार दिए गए ब्रजेश ठाकुर को उम्रकैद की सजा सुनाई है। इससे पूर्व सीबीआइ ने सभी दोषियों की पारिवारिक स्थिति का ब्योरा कोर्ट में सौंप दिया था। यह मामला मुंबई की टाटा इंस्टिट्यूट ऑफ सोशल साइंस की रिपोर्ट के बाद सामने आया था। इस मामले में साकेत कोर्ट ने ब्रजेश ठाकुर समेत 21 आरोपियों के खिलाफ पॉक्सो, बलात्कार, आपराधिक साजिश और अन्य धाराओं में आरोप तय किया था। सीबीआई ने इस मामले में ब्रजेश ठाकुर को मुख्य आरोपी बनाया है।
एक बार टलने के बाद सजा के बिंदु पर हुई सुनवाई
इससे पहले 28 जनवरी को सजा सुनाए जाने की तारीख मुकर्रर की गई थी, लेकिन साकेत कोर्ट के विशेष न्यायाधीश सौरभ कुलश्रेष्ठ के अवकाश पर रहने के कारण उस दिन सजा नहीं सुनाई जा सकी। तब सजा सुनाए जाने को लेकर चार फरवरी की तारीख मुकर्रर की थी। मामले के सत्र-विचारण के बाद विशेष कोर्ट ने 20 जनवरी को 19 आरोपितों को दोषी करार दिया था। एक आरोपित विक्की को साक्ष्य के अभाव के अभाव में बरी कर दिया था।
दोषी करार के फैसले को लेकर तीन बार तारीख टली थी। कोर्ट ने पहली बार पिछले साल 14 नवंबर को फैसले की तारीख मुकर्रर की थी। उस दिन दिल्ली में वकीलों की हड़ताल के कारण फैसला टल गया। फिर 12 नवंबर को विशेष न्यायाधीश अवकाश पर थे। तीसरी बार 14 जनवरी को ब्रजेश ठाकुर की ओर से दाखिल एक अर्जी की सुनवाई को लेकर फैसला टाल दिया गया था।
क्या था पूरा मामला
वैसे तो इस बहुचर्चित मामले से आप सब परिचित होंगे लेकिन एक बार और याद दिलाते हुए बता दें की टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज(टिस) की रिपोर्ट के उजागर होने के बाद मई 2018 में मुजफ्फरपुर बालिका गृह कांड में सरकारी सहायता प्राप्त बालिका गृह में कई बच्चियों से दुष्कर्म व यौन उत्पीड़न का मामला सामने आया था।
सुप्रीम कोर्ट ने स्वत: संज्ञान लेते हुए मामले की सुनवाई की और राज्य सरकार की सिफारिश पर सीबीआइ को जांच सौंपी थी। गत 23 फरवरी से मामले की साकेत कोर्ट में नियमित सुनवाई चल रही थी। सीबीआइ ने 21 आरोपितों के खिलाफ पर चार्जशीट दाखिल की थी। ब्रजेश ठाकुर को मुख्य आरोपित बनाया था।