बिहार में बिजली दरों में कोई वृद्धि नहीं होगी। एक अप्रैल से लोग उसी दर पर बिजली का उपभोग कर सकेंगे जिस दर 31 मार्च तक कर रहे थे। राज्य सरकार के इस निर्णय से 1 करोड़ 60 लाख से अधिक उपभोक्ताओं को राहत मिली है।बीते 20 मार्च को बिहार विद्युत विनियामक आयोग ने ऐतिहासिक फैसला देते हुए 10 पैसे प्रति यूनिट बिजली सस्ती की थी, लेकिन अगर इसी दर पर लोगों को बिजली बिल देना पड़ता तो वह काफी महंगा साबित होता। लेकिन पूर्व के वर्षों की तर्ज पर राज्य सरकार ने इस बार भी बिजली कंपनी को अनुदान देने का निर्णय लिया है।
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार वित्तीय वर्ष 2019-20 में राज्य सरकार ने कंपनी को 860 करोड़ का अनुदान दिया था। लेकिन एक अप्रैल से शुरू होने वाले वित्तीय वर्ष 2020-21 में राज्य सरकार 1000 करोड़ से अधिक का अनुदान उपभोक्ताओं को देगी। घरेलू, कृषि, व्यावसायिक सहित तमाम श्रेणी के उपभोक्ताओं के बिजली बिल पर राज्य सरकार की ओर से दिए जाने वाले अनुदान का उल्लेख रहेगा।
बिहार इकलौत राज्य
देश में बिहार इकलौत राज्य है जहां बिहार विद्युत विनियामक आयोग की ओर से बिजली दर तय करने के बाद राज्य सरकार अनुदान की घोषणा कर लोगों को सस्ती बिजली मुहैया कराती है। बिजली दर के इस बिहार मॉडल की सराहना देश में अब तक कई मंचों पर हो चुकी है। केंद्र सरकार ने राज्यों को कहा है कि वह बिहार की तरह ही लोगों को बिजली बिल पर बताएं कि उन्हें राज्य सरकार हर महीने कितना अनुदान दे रही है, ताकि अवैध तरीके से बिजली उपभोग करने की प्रवृत्ति पर रोक लगे।
विनियामक आयोग की ओर से सुनाए गए फैसले के अनुसार उपभोक्ताओं को 1 अप्रैल से मीटर रेंट नहीं देना होगा। इसमें उपभोक्ताओं को 20 रुपए से लेकर 1000 रुपए महीने तक का लाभ होगा। कुटीर ज्योति और ग्रामीण घरेलू सेवा में बिना मीटर के अब कनेक्शन नहीं मिलेंगे। ग्रामीण घरेलू व व्यावसायिक के साथ ही सिंचाई सेवा में मांग आधारित टैरिफ लागू होगा, लेकिन मांग आधारित बिल में न्यूनतम खपत को घटाकर 85 प्रतिशत से 75 प्रतिशत कर दिया गया है। साथ ही एक प्रावधान यह भी किया गया है कि न्यूनतम 21 घंटे बिजली देने पर ही कंपनी बिल की वसूली करेगी। लोड से अधिक खपत करते धराए तो अब कंपनी जुर्माना में फिक्स चार्ज भी वसूलेगी।
यूनिट | आयोग का निर्णय | अनुदान के बाद दर |
कुटीर ज्योति (1-50) | 6.05 | 2.17 |
ग्रामीण घरेलू (1-50) | 6.05 | 2.65 |
ग्रामीण घरेलू (51-100) | 6.30 | 2.90 |
ग्रामीण घरेलू (101-200) | 6.60 | 3.15 |
ग्रामीण घरेलू (200 से अधिक) | 6.95 | 3. 50 |
शहरी घरेलू (1-100) | 6.05 | 4.32 |
शहरी घरेलू (101-200) | 6.85 | 5.12 |
शहरी घरेलू (201-300) | 7.70 | 5.97 |
शहरी घरेलू (300 से अधिक) | 8.50 | 6.77 |
(नोट: बिजली दर प्रति यूनिट रुपए में)
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