पांच सीटों पर 21 अक्टूबर को होने वाला बिहार उपचुनाव 2019 एक प्रकार से नीतीश कुमार की प्रतिष्ठा से जुड़ा है। चार सीटें जदयू की रहीं हैं, जिसे फिर से हासिल करने के लिए पार्टी ने अपनी पूरी ताकत झोंक रखी है। इन चारों ही सीटों पर जदयू का मुकाबला राजद से है, जहां तेजस्वी यादव की विधानसभा चुनाव 2020 से पहले प्रारंभिक परीक्षा होगी। हालांकि वर्ष 2015 के विधानसभा चुनाव में दोनों दल साथ थे। एक अन्य सीट किशनगंज की है, जिसपर कांग्रेस का मुकाबला भाजपा से है। वहां एमआइएम के भी प्रत्याशी मैदान में हैं।
तेजस्वी यादव बनाम नीतीश कुमार
जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष की हैसियत से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार 17 एवं 18 अक्टूबर को इन सीटों पर जदयू के उम्मीदवार के पक्ष में प्रचार करेंगे। वह भाजपा उम्मीदवार के लिए किशनगंज में भी चुनावी सभा को संबोधित करेंगे। वहीं, दूसरी ओर राजद के चुनाव प्रचार की कमान नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने संभाल रखी है। महागठबंधन में दो सीटों पर आपसी तालमेल नहीं बन पाया है, जिसका लाभ स्वाभाविक रूप से एनडीए को मिलेगा। हिन्दुस्तानी अवाम मोर्चा ने नाथनगर और विकासशील इंसान पार्टी ने सिमरी बख्तियारपुर में अपने उम्मीदवार उतार रखे हैं, हालांकि मैदान में महागठबंधन की ओर से राजद के प्रत्याशी हैं।
जदयू की जिन चार सिटिंग सीटों पर उपचुनाव हो रहा है, उनमें से नाथनगर पर जदयू ने 2015 में करीब आठ हजार वोटों से जीत दर्ज की थी। मुकाबला लोजपा से था। इस बार लोजपा जदयू के साथ है। महागठबंधन के वोट में सेंध मारने के लिए यहां हिन्दुस्तानी अवाम मोर्चा के अलावा नवगठित वंचित समाज पार्टी के उम्मीदवार सक्रिय हैं। वंचित समाज पार्टी का आधार वोट भी वही है जिस पर राजद निर्भर है। बेलहर में पिछली बार जदयू ने भाजपा उम्मीदवार को करीब 16 हजार मतों से पराजित किया था।
ज्ञात हो की इस बार भाजपा और जदयू एकसाथ हैं। सिमरी बख्तियारपुर में भी ऐसी ही स्थिति है। पिछली बार जदयू ने लोजपा उम्मीदवार पर करीब 38 हजार वोटों के बड़े मार्जिन से जीत दर्ज की थी। लोजपा इस बार फिर जदयू के साथ है। दरौंदा में जदयू ने करीब 13 हजार मतों से भाजपा को हराया था। इन चारों ही सीट पर राजद दूसरे नंबर पर नहीं था। नीतीश कुमार की पार्टी ने या तो भाजपा या लोजपा के उम्मीदवार को पराजित किया था।
बिहार उपचुनाव 2019 : प्रत्याशी के चुनाव पर घमासान
वोट का समीकरण
21 अक्टूबर को किशनगंज विधानसभा सीट पर होने वाले बिहार उपचुनाव 2019 में कुल आठ प्रत्याशी किस्मत आजमा रहे हैं। चुनावी अंक गणित सुलझाने वाले दिग्गजों का दावा है कि क्षेत्र 64 फीसदी मुस्लिम और 36 फीसदी हिंदू मतदाता हैं। इस विधानसभा में कुल दो लाख 84 हजार 335 मतदाता हैं। यहां पुरुष मतदाताओं की संख्या एक लाख 43 हजार 728 है वहीं, महिला मतदाताओं की संख्या एक लाख 40 हजार 522 हैं।
बता दें कि किशनगंज विधानसभा सीट कांग्रेस मो. जावेद आजाद के सांसद चुने जाने से खाली हुई थी। यहां, भाजपा, कांग्रेस, एआइएमआइएम और सीपीआइ उम्मीदवार अपना भाग्य आजमा रहे हैं। चार निर्दलीय प्रत्याशी भी चुनावी मैदान में हैं। वर्तमान आकलन के अनुसार भाजपा, कांग्रेस और एआइएमआइएम के बीच त्रिकोणीय मुकाबला है।