जहां एक तरफ पूरा देश कोरोना जैसे खतरनाक वायरस से तबाह है, वहीं, बिहार में कोरोना संक्रमण को लेकर सियासत जारी है। इस मुश्किल वक्त में भी राजनीतिक ठेकेदारों ने सियासत करने से बाज नहीं आ रहे हैं। इसी कड़ी में मुजफ्फरपुर के भारतीय जनता पार्टी के सांसद अजय निषाद ने आपत्तिजनक बयान दिया है। भाजपा नेता निषाद ने तब्लीगी जमात के लोगों को आतंकवादी करार दे दिया है। साथ ही उनके खिलाफ सरकार से कारवाई की मांग करते हुये कहा कि मदरसों में पंक्चर बनाने वाली शिक्षा दी जाती है।
विदित हो कि सांसद का यह बयान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उस सोच, उस भावना के खिलाफ है, जिसमें उन्होंने कहा था कि कोरोना का कोई जाति या धर्म नहीं है। बिहार की राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन की नीतीश सरकार में बीजेपी प्रमुख घटक दल है। हालांकि, इसपर जेडीयू या बीजेपी की तरफ से अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।
तब्लीगी जमातियों पर ठीक वैसी कारवाई हो जैसी आतंकियों पर होती है
बता दें कि अजय निषाद भाजपा की तरफ से मुजफ्फरपुर से सांसद हैं। बीजेपी सांसद का कहना है कि कोरोना संक्रमण में आई तेजी के लिए तब्लीगी जमात जिम्मेदार है। उन्होंने ही कोरोना को पूरे देश में फैलाया है। कोरोना पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुये सांसद ने कहा कि कोरोनो वायरस फैलाने के लिए जिम्मेदार तब्लीगी जमात के सदस्यों से ‘आतंकवादियों’ की तरह व्यवहार किया जाना चाहिए। उनके खिलाफ कड़ी कारवाई जरूरी है।
इतना ही नहीं तब्लीगी जमात पर बोलने के क्रम में उन्होंने अल्पसंख्यक समुदाय को भी निशाने पर लिया। उन्होंने कहा कि मदरसों में बच्चों को कट्टरपंथी और गलत शिक्षा दी जाती है। यह अनुपयोगी शिक्षा केवल पंक्चर बनाना सिखाती है। अजय निषाद का यह बयान उनके संसदीय क्षेत्र मुजफ्फरपुर में कोरोना संक्रमण फैलने के बाद आया है।
अजय निषाद पर मुकदमा दायर
उल्लेखनीय है कि बीजेपी सांसद का यह बयान पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा तथा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उस भावना के खिलाफ है। जिसमें उन्होंने कहा था कि कोरोना का कोई धर्म या जाति नहीं है। मुज़फ़्फ़रपुर सांसद अजय निषाद के खिलाफ बीते दिनों ही तब्लीगी को आतंकी बताया जाने के साथ ही समाज विशेष की भावना को लेकर कही बात से ही आहत होकर समाजसेवी मो नसीम ने मुजफ्फरपुर सीजेएम् कोर्ट में परिवाद दायर कराया है।
मामले में परिवादी ने बताया ने ये बताया है कि जिस तरीके सांसद अजय निषाद एक बयान को दे रहे हैं उससे आहत होकर एक समुदाय विशेष की छवि को आहत पहुंची है। कोर्ट ने अब जिसकी सुनवाई के लिए तिथि 28 मई की तिथि को मुकर्रर किया गया है।
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