543.28 करोड़ की परियोजनाओं की सौगात
पटना। बिहार में आगामी बिहार विधानसभा चुनाव के मद्देनजर सभी प्रमुख सियासी दलों ने अपनी तैयारियां तेज कर दी। इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार को बिहार में 543.28 करोड़ की सात परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया। यह परियोजनाएं केंद्र की नमामि गंगे और अमरुत योजना से जुड़ी है। इनमें पटना की बेउर और कर्मलीचक सीवर ट्रीटमेंट प्लांट के अलावा सीवान, छपरा से जुड़ी परियोजनाएं शामिल हैं।
पीएम मोदी की वर्चुअल रैली के प्रमुख बातें-
कोरोना की चुनौती के बीच बिहार में विकास और सुशासन का अभियान इसी तरह से चलने वाला है। हम पूरी ताकत, पूरे सामर्थ्य से इसी तरह आगे बढ़ने वाले हैं। लेकिन इसके साथ हर बिहारवासी और देशवासी को संक्रमण से बचाव का संकल्प कभी भी भूलना नहीं है। बिहार में इतनी तेजी से काम होगा, काम शुरू होने के बाद पूरा भी होगा, इस बात की कल्पना भी डेढ़ दशक पहले नहीं की जा सकती थी। लेकिन नीतीश जी के प्रयासों ने केंद्र सरकार के प्रयासों ने ये सच कर दिखाया। पीएम मोदी ने कहा कि आत्मनिर्भर बिहार ‘आत्मनिर्भर भारत’ के मिशन को गति देने के लिए विशेषकर देश के छोटे शहरों को, भविष्य की जरूरतों के मुताबिक तैयार करना बहुत जरूरी है।
शहरीकरण आज के दौर की सच्चाई
शहरीकरण आज के दौर की सच्चाई है। लेकिन कई दशकों से हमारी एक मानसिकता बन गई थी, हमने ये मान लिया था जैसे कि शहरीकरण खुद में कोई समस्या है, कोई बाधा है। लेकिन मेरा ऐसा मानना नहीं है। अगर कोई समस्या लगती है तो उसमें अवसर भी होता है। अब केंद्र और बिहार सरकार के साझा प्रयासों से बिहार के शहरों में पीने के पानी और सीवर जैसी मूल सुविधाओं में निरंतर सुधार हो रहा है। बीते 1 साल में, जल जीवन मिशन के तहत पूरे देश में 2 करोड़ से ज्यादा पानी के कनेक्शन दिए जा चुके हैं। आज देश में हर दिन 1 लाख से ज्यादा घरों को पाइप से पानी के नए कनेक्शन से जोड़ा जा रहा है। प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि बीते डेढ़ दशक से नीतीश जी, सुशील जी और उनकी टीम समाज के सबसे कमजोर वर्ग के आत्मविश्वास को लौटाने का प्रयास कर रही है। जिस प्रकार बेटियों की पढ़ाई को, पंचायती राज सहित स्थानीय निकाय में वंचित, शोषित समाज की भागीदारी को प्राथमिकता दी गई है। जब शासन पर स्वार्थनीति हावी हो जाती है, वोट बैंक का तंत्र सिस्टम को दबाने लगता है, तो सबसे ज्यादा असर समाज के उस वर्ग को पड़ता है जो प्रताड़ित है, वंचित है, शोषित है। बिहार के लोगों ने इस दर्द को दशकों तक सहा है। पीएम मोदी ने आगे कहा कि इसके बाद एक दौर ऐसा भी आया जब बिहार में मूल सुविधाओं के निर्माण के बजाय, राज्य के लोगों को आधुनिक सुविधाएं देने के बजाय, प्राथमिकताएं और प्रतिबद्धताएं पूरी तरह बदल गईं। नतीजा ये हुआ कि राज्य में गवर्नेंस से फोकस ही हट गया। आजादी के बाद के शुरुआती दिनों में बिहार को बड़े और विजनरी नेताओं का नेतृत्व मिला। जिन्होंने गुलामी के कारण आई विकृतियों को दूर करने की भरसक कोशिश भी की।
बिहार ऐतिहासिक नगरों की धरती
बिहार ऐतिहासिक नगरों की धरती है। यहां हजारों सालों से नगरों की एक समृद्ध विरासत रही है। प्रचीन भारत में गंगा घाटी के इर्द-गिर्द आर्थिक, सांस्कृतिक और राजनीतिक रूप से समृद्ध और सम्पन्न नगरों का विकास हुआ। आज इंजीनियर्स डे है। भारतीय इंजीनियरों की अपनी अलग पहचान है। वे देश के विकास को गति दे रहे हैं। सभी इंजीनियरों व उनकी निर्माध शक्ति को नमन करता हूं। आज जिन चार योजनाओं का उद्धाटन हो रहा है उसमें पटना शहर के बेउर और करमलीचक में सीवर ट्रीटमेंट प्लांट के अलावा अमृत योजना के तहत सीवान और छपरा में पानी से जुड़े प्रोजेक्ट्स भी शामिल है। इसके अलावा मुंगेर और जमालपुर में पानी की कमी को दूर करने वाली जलापूर्ति परियोजनाओं और मुजफ्फरपुर में नमामि गंगे के तहर रिवर फ्रंट डेवलेपमेंट स्कीम का भी आज शिलान्यास किया गया। शहरी गरीबों, शहरों में रहने वाले मध्यम वर्ग के लोगों का जीवन आसान बनाने वाली आज शुरु हुई नई परियोजनाओं के लिए आपको बहुत-बहुत बधाई देता हूं।
पीएम पटना के बेउर और कर्मलीचक सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट का उद्घाटन किया
बता दें कि पीएम मोदी पटना के बेउर और कर्मलीचक का सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट का उद्घाटन किया। इसके अलावा नगर परिषद सीवान की जलापूर्ति योजना, छपरा नगर निगम की जलापूर्ति योजना का उद्घाटन किया। वहीं मुजफ्फरपुर में रिवर फ्रंट विकसित करने और मुंगेर नगर निगम तथा जमालपुर नगर परिषद की जलापूर्ति योजनाओं का शिलान्यास किया। इससे पहले पीएम मोदी 10 और 13 सितंबर को बिहार में मत्स्य विभाग और पेट्रोलियम से जुड़ी कई परियोजनाओं का शुभारंभ कर चुके हैं। इसी क्रम में नगरीय विकास से जुड़ी परियोजनाओं का उद्घाटन-शिलान्यास आज होना है। नगर विकास एवं आवास विभाग इसे लेकर तैयारी में जुटा था।