बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गुरुवार को बिहार चुनाव के इस चुनावी साल में एक बड़ी सौगात देने की बात कही है। जी हां, सीएम ने 15000 करोड़ रुपए की योजनाओं का इनाम बिहारियों को दिया है। उन्होंने 747 पुलों और 59 हजार किलोमीटर लंबी सड़कों का उद्घाटन व शिलान्यास किया। सीएम नीतीश ने कहा है कि 2005 से पहले बिहार में ग्रामीण सड़कों की स्थिति बद् से बद्तर थी। गांव में न के बराबर सड़क थी।
2006 तक सिर्फ 835 किलोमीटर सड़क बना था। उनका कहना है कि आज के समय में कुछ लोग ऐसे हैं, जो बिना सोचे समझे जो मन में आता है बोलते रहते हैं। सुशासन बाबू का कहना है कि हमारा लक्ष्य सभी गांव और टोला को पक्की सड़क से जोड़ना है। उन्होंने कहा, हम सात निश्चय योजना के तहत टोलों को भी सड़क से जोड़ने का काम कर रहे है। इसके लिए राज्य सरकार को कई जगह से कर्ज भी लेना पड़ा है।
बिहार चुनाव के पहले सीएम का सवाल, अक्टूबर तक हो पाएगा पूरा काम
नीतीश ने बिहार चुनाव से पहले सभी 182 अधूरी परियोजनाओं को समय से पूरा करने के संबंध में ग्रामीण कार्य विभाग के सचिव से कहा कि सेक्रेटरी साहेब क्या अक्टूबर तक पूरा काम हो पाएगा। इस सवाल के जवाब में जब मंत्री ने कुछ बोलने की कोशिश की तो सीएम ने उन्हें बीच में ही रोक दिया। उन्होंने कहा कि मंत्री जी आपको समय कहां मिलेगा। सितंबर में चुनाव की घोषणा हो जाएगी। काम तो सेक्रेटरी और इंजीनियर को पूरा करना है।
सीएम के सख्त आदेश, कोताही नहीं होगा बर्दाश्त
सीएम नीतीश कुमार ने विभाग के सचिव और इंजीनियरों से कहा कि आप लोग आज जिन योजनाओं का शिलान्यास करा रहे हैं, उन्हें समय पर और पूरी निष्ठा के साथ पूरा करने की कोशिश करें। उन्होंने कहा कि सड़क बनाने के साथ ही उसका मेंटेनेंस भी जरूरी है। उन्होंने कहा कि जब नई सड़क बनती है तो लोगों को अच्छा लगता है, लेकिन अगर वही सड़क कुछ साल में वह टूट जाए तो जनता को दुख होता है। जो विभाग सड़क बना रहा है, उसे उसके मेंटेनेंस का ख्याल भी रखना होगा, क्योंकि अगर मेंटेनेंस में किसी तरह की कोताही हुयी तो उसे किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
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