बिहार के पूर्व राज्यपाल और मध्य प्रदेश के वर्तमान राज्यपाल लालजी टंडन का मंगलवार सुबह निधन हो गया। लालजी का निधन 85 साल के उम्र में हुआ है। उनका निधन मंगलवार सुबह 5:30 में हुआ। लालजी टंडन को पिछले कुछ दिनों से सांस लेने में तकलीफ के अलावा बुखार था। जिसके कारण उन्हें लखनऊ के मेदांता अस्पताल में भर्ती कराया गया था। सोमवार के शाम को उनकी तबीयत अचानक फिर से बिगड़ने लगी। जिसके बाद उन्हें क्रिटिकल केयर वेंटिलेटर पर रखा गया था। खैर बीच में उनकी तबीयत में सुधार होने की सूचना आई थी। लेकिन इसी बीच मंगलवार को अचानक उनका निधन हो गया। जिसकी जानकारी टंडन के बेटे अशुतोष ने ट्वीट कर दी है।
बिहार के पूर्व राज्यपाल के अलावा वे मध्यप्रदेश के राज्यपाल थे
लालजी टंडन का पार्थिव शरीर अंतिम दर्शन के लिए त्रिलोकनाथ रोड, हजरतगंज और उनके अपने निवास स्थान सोंधी टोला चौक लखनऊ रखा जाएगा। हजरतगंज लोग सुबह 10 से 12 बजे और लखनऊ में लोग दोपहर 12 बजे के बाद अंतिम दर्शन कर सकेंगे। उनकी अंतिम यात्रा शाम 4 बजे निकलेगी।
लालजी टंजन के निधन पर अपने शोक संदेश में भारत के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने दुख व्यक्त किया। उन्होंने ट्वीट पर दिए अपने संदेश में लिखा कि हमने एक दिग्गज नेता खो दिया है, जिन्होंने लखनऊ के सांस्कृतिक और एक राष्ट्रीय गतिरोध के संयोजन को जोड़े रखा है। मैं उनके परिवार के प्रति संवेदना प्रकट करता हुँ।
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प्रधानमंत्री मोदी ने भी लालजी टंडन के निधन पर ट्वीट कर दुख व्यक्त किया। उन्होंने समाज की सेवा में लालजी के अथक प्रयासों को याद किया। उन्होंने प्रदेश में भाजपा को मजबूत करने में उनकी भूमिका को भी अहम बताया। उन्होंने लिखा कि वे एक प्रभावी प्रशासक के रूप में याद रहेंगे। मैं उनके निधन से काफी दुखी हुँ।
वहीं उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री ने शोक संदेश में लिखा कि देश ने एक लोकप्रिय जननेता, योग्य प्रशासक एवं प्रखर समाज सेवक को खो दिया है। वे लखनऊ के प्राण थे। लालजी टंडन के निधन पर उत्तर प्रदेश में तीन दिनों का राजकीय शोक घोषीत किया गया है।