बिहार पुलिस हर बार कई मामलों को लेकर सुर्खियों में रहती है। यह मामला जो सामने आया है उसे जानकर आप अपनी हंसी नहीं रोक पाएंगे। बिहार के मुख्य त्योहारों में से एक छठ पूजा है। सूर्योपासना का यह अनुपम लोकपर्व मुख्य रूप से बिहार, झारखंड, पूर्वी उत्तर प्रदेश और नेपाल के कुछ भागों में मनाया जाता है। इस पर्व में छुट्टी के लिए दिए गए आवेदन पर बिहार पुलिस ने अपने पुलिसकर्मियों से कसम खाने के लिए ऐसे शपथ पत्र तैयार करवा रहे हैं जो अपने आप में विचित्र हैं।
मसला समस्तीपुर जिले का
यह मसला समस्तीपुर जिले का है, जहां बिहार पुलिस के एक जवान की आपबीती सुनकर बड़ा सवाल उठता है कि क्या आस्था पर नौकरी भारी है। पुलिस जवान को छठ की छुट्टी के लिए दिए गए आवेदन के बावजूद छुट्टी नहीं दी जा रही, बावजूद इसके उसे शपथ पत्र दिया गया है जिसमें लिखा गया है कि छठी मैया की कसम खाकर कहता हूं कि मैं पिछले 40 वर्षों से छठ कर रहा हूं, मैं झूठ बोलकर अवकाश नहीं ले रहा हूं, अगर ये झूठ होगा तो छठी मैया हमारे परिवार को घोर विपत्ति दें।
हर कोई छठ पूजा अपने परिवार के साथ मनाना चाहता है। कर्मचारी इसके लिए छुट्टी मांगने की पूरी कोशिश करते हैं। किसी को छुट्टी मिलती है तो किसी को नहीं। पुलिस विभाग भी उन विभागों में है जिसमें पर्व के दौरान कर्मियों को ड्यूटी करनी होती है।
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छठ पूजा के लिए छुट्टी मांगने वाले अधिक होते हैं और अधिकारी को यह तय करना पड़ता है कि किसे छुट्टी दें और किसे न दें। ऐसे में उन जवानों को छुट्टी देने में प्राथमिकता दी जाती है जो खुद व्रत कर रहे हों। समस्तीपुर के पुलिस अधिकारी भी छुट्टी देने या न देने की ऐसी ही समस्या से दो-चार हो रहे थे। अधिकारियों ने इसका ऐसा हल निकाला जो विवाद का विषय बन गया है। अब एसपी समेत अन्य अधिकारी सफाई देने में जुटे हैं।
पत्र में लिखे शब्द कुछ इस प्रकार से है
मैं (नाम भरने के लिए खाली स्थान) छठी मैया को साक्षी मानकर शपथ लेता हूं कि मैं स्वंय छठ पूजा पिछले (साल की संख्या बताने के लिए खाली स्थान) साल से करता आ रहा हूं। हे छठी मैया, अगर मैं झूठ बोल कर छुट्टी ले रहा हूं तो उसी समय मेरे बच्चे और मेरे पूरे परिवार पर घोर विपत्ति आ जाए।