बिहार सरकार राज्य में सभी व्यावसायिक वाहनों को CNG इंजन पर चलवाने की विचार तेजी से कर रही है। सरकार की योजना इस चरणबद्ध तरीके से पुरे राज्य में लागु करने की है। फिलहाल सरकार वाहन मालिकों को खुद ही बिना समय सीमा के व्यावसायिक डीजल एवं पेट्रोल वाहनों को CNG इंजन में बदलवाने की विकल्प दे रही है। बाद में सरकार सभी वाहन मालिकों के लिए कानून बनाकर एक समयसीमा के भीतर अपने वाहन के इंजन को CNG में बदलने का विकल्प देगी।
परिवहन विभाग के सचिव संजीव कुमार अग्रवाल ने दैनिक हिंदुस्तान से बात करते हुए कहा कि चालकों को एक निश्चित अवधि दी जाएगी, ताकि वो अपने वाहनों को सीएनजी में बदल सकें। विभाग इसके लिए एक विस्तृत कार्यक्रम प्रकाशित करेगा। इस समय सीमा के अंदर सभी वाहन चालकों को अपना वाहन सीएनजी में तब्दील कराना होगा। राज्य कैबिनेट में इसका प्रस्ताव भेजा जाएगा।
सीएनजी द्वारा चालित वाहनों में ईंधन लागत 30 से 50 प्रतिशत काम आती है। इसके अतिरिक्त यह पर्यावरण अनुकूल भी होती है एवं प्रदुषण नियंत्रण में आसानी होती है। फिलहाल, देश की राजधानी दिल्ली में अधिकतर वाहन एवं ऑटोरिक्शा सीएनजी से चलाई जा रही है। इससे दिल्ली में प्रदुषण नियंत्रण में काफी सहायता मिली है।
सरकार की योजना शुरूआती दौर में पेट्रोल वाहनों में CNG किट लगवाने की है। बाद में इसे डीजल चलित वाहनों के लिए भी लागू किया जाएगा। कर एवं ऑटोरिक्शा में इस किट को लगाने की लागत 25 हज़ार से 50 हज़ार रुपये के बीच आती है। इसकी कीमत गुणवत्ता और ब्रांड के अनुसार भी तय होती है। फ़िलहाल वाहन के मॉडल एवं वैरिएंट के हिसाब से 8 कंपनियों के किट को चिन्हित किया गया है।
फैसले के होंगे दूरगामी असर
इस फैसले से जहाँ प्रदुषण नियंत्रण में सहायता मिलेगी, वही बिहार में सिर्फ CNG की कीमत पेट्रोल से 20 प्रतिशत कम होने से वाहन चालकों को भी फायदा होगा। हालफ़िलहाल राज्य की राजधानी बढ़ते प्रदुषण के कारण चर्चा में रही है। इस फैसले से सरकार को प्रदुषण के मामले में राज्य की छवि सुधरने का मौका मिलेगा।
साथ ही, शुरूआती दौर में सरकार को वाहन चालकों के आक्रोश का भी सामना करना पड़ सकता है। लेकिन सीएनजी की लागत कम होने के कारण ये आक्रोश सिमित रहने की बात कही जा रही है। आपको यह भी याद दिलाते चले कि पटना में फ़िलहाल दो CNG Pump कार्यरत है। एक पंप रुकनपुरा में तो दुसरा टोलप्लाजा दीदारगंज के पास कार्यरत है।