बिहार क्रिकेट एसोसिएशन के सचिव संजय कुमार ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कहा है कि बिहार में शीघ्र ही अत्याधुनिक इंडोर प्रैक्टिस सेंटर का निर्माण बीसीसीआई के सहयोग से होगा। क्रिकेट सचिव ने इस बात को बीसीसीआई के अध्यक्ष सौरव गांगुली के साथ हुए मुलाकात के बाद पटना लौटने पर कही। सचिव ने बताया कि चार फरवरी को बिहार, मणिपुर ओर मिजोरम के सचिवों के साथ बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव गांगुली के साथ एक बैठक हुई, जिसमें इन राज्यों में क्रिकेट के आन्तरिक संसाधन की समीक्षा कर संसाधन के विकास पर निर्णय लिया गया।
जल्द ही फिरेंगे, क्रिकेट स्टेडियम मोइनुल हक के दिन
बता दें, क्रिकेट सचिव संजय कुमार ने कहा है कि बीसीसीआई अध्यक्ष को हमने बिहार में क्रिकेट के उपलब्ध संसाधन, मोइनुल हक़ स्टेडियम और उर्जा स्टेडियम के सन्दर्भ में विस्तार से जानकारी दी है। उन्होंने कहा, हमारी सभी बातों को गंभीरता से सुनने और सभी पहलुओं पर चिंतन के बाद बीसीसीआई अध्यक्ष सी. के खन्ना ने संसाधन की कमी को समझा। बिहार में क्रिकेट संसाधन के घोर संकट को देखते हुए बीसीसीआई अध्यक्ष ने एक अत्याधुनिक इंडोर प्रैक्टिस सेंटर को अविलंब स्थापित करने का निर्णय लिया है। इस सेंटर में आठ टर्फ विकेट, एक एस्ट्रो टर्फ विकेट और एक जिम की सुविधा उपलब्ध करायी जाएगी।
इसके लिए बीसीसीआई अध्यक्ष ने बीसीए सचिव को एक एकड़ जमीन शीघ्र उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है। इस बैठक में इन राज्यों के विकास के लिए बनाए गए टास्क फ़ोर्स कमेटी के सदस्य नाबा भट्टाचार्या, मणिपुर के प्रिय रंजन सिंह, मिजोरम के एम. के. जे. मजुमदार और बिहार क्रिकेट एसोसिएशन के सचिव संजय कुमार उपस्थित थे।
बिहार क्रिकेट टीम पर वर्षों से छाए संकट के बादल छटें
गौरतलब है कि बिहार के बंटवारे के बाद बिहार क्रिकेट एसोसिएशन विवादों के घेरे में आ गया था। लेकिन हाल ही में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद यह स्पष्ट हो गया था कि बिहार की टीम भी इस साल से रणजी मैचों में हिस्सा लेगी। वहीं बीते दिनों बिहार के डिप्टी सीएम सुशील मोदी ने यह अवासन दिया कि सरकार मोइनुल हक स्टेडियम को विकसित करने के लिए बिहार क्रिकेट एसोसिएशन के साथ समझौता करेगी ताकि स्टेडियम में बिहार के बच्चें उच्च स्तरीय क्रिकेट का प्रशिक्षण हासिल कर सकेंगे।
आपको जानकर हैरानी होगी कि बिहार की टीम 17 साल बाद अब जाकर रण्जी क्रिकेट में हिस्सा ले सकेंगी। वहीं, बात अगर मोइनुल हक स्टेडियम की करें तो बिहार के विभाजन के बाद से ही पटना के मोइनुल हक क्रिकेट स्टेडियम में एक भी अंतरराष्ट्रीय मैच नहीं हुआ है।