Home व्यक्तित्व महान गणितज्ञ वशिष्ठ नारायण को मरणोपरांत पद्मश्री, जीवित रहते इलाज के लिए...

महान गणितज्ञ वशिष्ठ नारायण को मरणोपरांत पद्मश्री, जीवित रहते इलाज के लिए तरसे थे

0

हिन्दुस्तान की विडंबना कुछ ऐसी है कि यहां की मिट्टी पर जन्में रत्न की परख संसार को अलविदा कहने के बाद होती है। ऐसे अनेकों उदाहरण हैं। इन्हीं उदाहरणों में से एक नाम बिहार के महान गणितज्ञ वशिष्ठ नारायण सिंह का भी आता है। केंद्र सरकार ने बिहार के इस जाने-मानें गणितज्ञ को मरणोपरांत पद्मश्री पुरस्कार देने की घोषणा की है। इस घोषणा के साथ ही उनके परिवारजनों और चाहने वालों के बीच खुशी की लहर दौड़ गई है।

घोषणा से खुश परिवार

इस खुशी के मौके पर मीडिया ने उनके परिवार से बातचीत की। मीडिया से हुई बातचीत में उनके छोटे भाई राम अयोध्या सिंह ने कहा कि भाई को पद्म श्री दिए जाने की घोषणा से खुश हूं लेकिन सच तो यह है कि भईया भारत रत्न के हकदार हैं। वहीं उनके भतीजे ने कहा कि जब उन्हें भारत रत्न से नवाजा जाएगा, तभी उनकी आत्मा को शांति मिलेगी।

विदित हो कि सिंह के छोटे भाई राम अयोध्या सिंह सेना से सेवानिवृत्त हुए हैं। उन्होंने कई सालों तक पद्मश्री वशिष्ठ नारायण सिंह को अपने साथ ही रखा। यहां तक कि वशिष्ठ नारायण ने अपनी आखिरी सांस भी भाई के पास ही ली। वशिष्ठ बाबू, के छोटे भाई राम अयोध्या सिंह ने अपने भाई व इस महान गणितज्ञ के लिए भारतरत्न की मांग की। अयोध्या सिंह का कहना था कि वे कोईलवर पुल के समानांतर बन रहे पुल का नाम भी वशिष्ठ बाबू के नाम पर रखे जाने की भी सलाह दी थी और इसके लिए आरा के सांसद आर के सिंह ने आश्वासन भी दे दिया है। वहीं केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने भी सहमति जताई है।

राज्य सरकार का रवैया पूरी तरह उदासीन

हालांकि, उन्होंने बिहार सरकार को आरोपित करते हुए कहा कि इस सब राज्य सरकार का रवैया पूरी तरह उदासीन है और उन्होंने अब तक कोई भी प्रस्ताव केंद्र को नहीं भेजा है। परिवार के अनुसार, अप्रैल तक पुल बनकर तैयार हो जाएगा और ऐसे में सरकारी स्तर पर लापरवाही से दुख होता है। वहीं उनके भतीजे राकेश सिंह ने कहा कि वशिष्ठ बाबू खुद सम्मान के प्रतीक थे और उनका सम्मान होना राज्य का सम्मान है।

गौरतलब है कि वशिष्ठ नारायण सिंह बिहार के ख्याति प्राप्त गणितज्ञ थे। जिनका गत वर्ष, 14 नवम्बर को 74 वर्ष की आयु में पटना पीएमसीएच में निधन हो गया। श्री सिंह पिछले 40 साल से मानसिक बीमारी सिजोफ्रेनिया से पीड़ित थे और लंबे वक्त से बीमार चल रहे थे। राज्य सरकार और केंद्र सरकार की तरफ से उन्हें कोई सरकारी सुविधा नहीं दी जा रही थी।

बिहार में कोरोना वायरस की मिली मरीज

NO COMMENTS

Exit mobile version