राज्य की स्वास्थ्य व्यवस्था के लिए वर्ष 2019 कई मामलों में अहम रहा। राजधानी के बड़े अस्पतालों में शुमार पीएमसीएच, आइजीआइएमएस, राजवंशीनगर अस्पताल हों या शहरी स्वास्थ्य केंद्र, सभी ने सुविधाओं के विस्तार के मामले में कुछ-न-कुछ उपलब्धि हासिल की। भले ही इनमें कुछ उपलब्धियां शिलान्यास के रूप में ही क्यों न हों, ये इसलिए भी महत्वपूर्ण रहीं क्योंकि कई वर्षो से घोषणा के बाद भी इस दिशा में कोई प्रगति नहीं हुई थी।
पीएमसीएच के लिए साल 2019 इसलिए भी यादगार रहेगा क्योंकि यहां पर लगभग 200 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल का शिलान्यास हो गया है। यह योजना पिछले तीन वर्षो से लटकी हुई थी। वर्तमान में इस दिशा में तेजी से काम चल रहा है। अगले दो वर्षो में इसका निर्माण कार्य पूरा होना है। पीएमसीएच में इस अस्पताल का निर्माण कार्य पूरा होने पर राज्य के मरीजों को सात विभागों की सुपर स्पेशियलिटी की सुविधा मिलने लगेगी। वर्तमान में इस तरह की सुविधा के लिए गरीब मरीजों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है।
पीएमसीएच होगा दुनिया का सबसे बड़ा अस्पताल
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पीएमसीएच को दुनिया का सबसे बड़ा अस्पताल बनाने का संकल्प लिया है। इसकी घोषणा भी हो चुकी है। अस्पताल तीन चरणों में नए सिरे से विकसित होगा। यहां पर 5400 बेड होंगे। इतना बड़ा अस्पताल दुनिया में कहीं नहीं होगा। पीएमसीएच पहुंचने के लिए गांधी मैदान से गंगा किनारे से सीधी लेन होगी। अस्पताल परिसर में उतरने के लिए एयर-एंबुलेंस की सुविधा होगी।
फरवरी में होगा शिलान्यास
स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय के अनुसार विश्व के सबसे बड़े अस्पताल के लिए ग्लोबल टेंडर हो चुका है। वर्ष 2020 के फरवरी में इसका शिलान्यास किया जाएगा। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग की ओर से तैयारी शुरू कर दी गई है।
किडनी प्रत्यारोपण यूनिट तैयार
पीएमसीएच में किडनी प्रत्यारोपण यूनिट तैयार की जा रही है। यूनिट के लिए निर्माण कार्य काफी जोर-शोर से चल रहा है। इसके बाद फर्नीचर और अन्य उपकरण लगाने का काम किया जाएगा। वर्ष 2020 तक किडनी प्रत्यारोपण यूनिट काम करना शुरू कर देगी।