बिहार राज्य पुल निर्माण निगम लिमिटेड (BRPNNL) ने गांधी मैदान को सम्राट अशोक इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर से जोड़ने के लिए अंडरपास एस्केलेटर के निर्माण की योजना बनायीं है। बीआरपीएनएल के अधिकारी ने बताया की यह राज्य में पहला अंडरपास एस्केलेटर होगा।
BRPNNL के अध्यक्ष जितेंद्र श्रीवास्तव ने बताया कि बिडिंग प्रक्रिया एक महीने में पूरी कर ली जाएगी। चयनित एजेंसी को अनुबंध मिलने के बाद काम शुरू हो जायेगा। उन्होंने कहा कि बीआरपीएनएलएन ने इस अंडरपास परियोजना के लिए बिडिंग की प्रक्रिया शुरू कर दी है। 11 करोड़ रुपये की धनराशि खर्च कर इस अंडरपास के निर्माण को छह महीने की अवधि में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।
जून तक तैयार हो जायेगा दीघा-आर ब्लॉक सड़क
कम होगी ट्रैफिक की समस्या
इस जगह पर पुरे दिन ट्रैफिक की समस्या रही है जिससे पैदल यात्रियों के लिए सड़क पार करना बहुत मुश्किल हो जाता है, खासकर कन्वेंशन सेंटर के पास। कन्वेंशन सेंटर के अलावा, एसके मेमोरियल हॉल का उपयोग अक्सर सरकारी और गैर-सरकारी एजेंसियों द्वारा कार्यक्रमों के आयोजन के लिए भी किया जाता है, जिससे यहाँ ट्रैफिक बहुत ज्यादा दर्ज किया जाता है। इस अंडरपास के बन जाने से आ नागरिकों को सुविधा होगी।
बीआरपीएनएलएन के सूत्रों ने बताया कि अंडरपास 100 मीटर लंबा और 6 मीटर चौड़ा होगा, जिसकी ऊंचाई 3 मीटर होगी। अंडरपास के दोनों छोर पर 8.5 मीटर की दूरी पर दो प्रवेश द्वार बनाए जाएंगे। अधिकारियों ने मानसून के दौरान अंडरपास में जलभराव की आशंका भी जताई और कहा कि अंडरपास के बाहर नालियों में वर्षा के पानी के निर्वहन के लिए उचित व्यवस्था की जाएगी।
अक्टूबर से शुरू होगा, दिसंबर तक ख़त्म
अंडरपास से बापू सभागार, ज्ञान भवन, पाटलिपुत्र सभ्यता द्वार के दर्शकों और मगध महिला कॉलेज की छात्राओं का आवागमन सुगम हो सकेगा। मगध महिला कॉलेज से पश्चिम और बापू सभागार के बीच से गांधी मैदान की ओर अशोक राजपथ पार करने के लिए दो प्रवेश द्वार होंगे। इसी तरह गांधी मैदान की ओर से भी बापू सभागार और मगध महिला कॉलेज की ओर जाने के लिए दो प्रवेश द्वार बनेंगे। इसकी चौड़ाई दो मीटर और ऊंचाई 8.50 मीटर होगी। वहीं भूमिगत पैदल पथ की चौड़ाई छह मीटर निर्धारित की गई है।
BRPNNL के एक वरिष्ठ इंजीनियर ने कहा कि अंडरपास का निर्माण अक्टूबर से शुरू होगा। निर्माण अवधि के दौरान वाहनों की आवाजाही में व्यवधान के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा: “निर्माण कार्य चरणबद्ध तरीके से किया जाएगा। योजना के अनुसार, सड़क के केवल एक हिस्से को निर्माण गतिविधियों के लिए अवरुद्ध किया जाएगा और वाहन दूसरे किनारे पर जाएंगे। अगले फ्लैक पर भी यही प्रक्रिया अपनाई जाएगी।”