Home बिहार गुंजन पद्म पुरस्कार सम्मान से बिहार के छह गणमान्य सम्मानित

पद्म पुरस्कार सम्मान से बिहार के छह गणमान्य सम्मानित

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बिहार हमेशा से प्रतिभाशली राज्य रहा है। इस वर्ष के पद्म पुरस्कार में भी यह बात एक बार फिर से साबित हो गयी। गणतंत्र दिवस के पूर्व संध्या पर पद्म पुरस्कारों की घोषणा की गयी। बिहार के खाते में छह पुरस्कार आये जिनमे 5 पद्मश्री और 1 पद्मभूषण पुरस्कार शामिल हैं।

पद्म पुरस्कार के इतिहास पर एक नजर

भारतीय सम्मान प्रणाली विभिन्न प्रकार की सेवाओं के लिए भारत गणराज्य को दिए जाने वाले पुरस्कारों की प्रणाली है। इस प्रणाली में पद्म पुरस्कार को भारत रत्न के बाद दूसरे स्थान पर रखा गया है। पद्म पुरस्कार भारत के उन नागरिकों को दिया जाता है जिन्होंने अपने क्षेत्र में अद्भुत कार्य किये हों और सामाजिक रूप से देश के लिए एक मिसाल कायम किया हो।

पद्म पुरस्कार वर्ष 1954 में स्थापित किए गए थे। 1977 से 1980 और 1993 से 1997 के दौरान संक्षिप्त व्यवधानों को छोड़कर, हर साल गणतंत्र दिवस पर इन पुरस्कारों की घोषणा की जाती रही है। यह पुरस्कार तीन श्रेणियों में दिया जाता है, पद्म विभूषण, पद्म भूषण और पद्म श्री। पद्म विभूषण असाधारण और विशिष्ट सेवा के लिए प्रदान किया जाता है; किसी भी क्षेत्र में विशिष्ट सेवा के लिए पद्म भूषण और पद्मश्री सम्मान दिया जाता है।

वर्ष 2019 में भी कुल 112 लोगों को पद्म पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। इस सूची में 4 पद्म विभूषण, 14 पद्म भूषण और 94 पद्म श्री पुरस्कार शामिल हैं। पद्म विभूषण, जो भारत रत्न के बाद दूसरा सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार है, इससे लोक कलाकार तीजन बाई, जिबूती के राष्ट्रपति इस्माइल उमर गुलेह, लार्सन और टुब्रो के अध्यक्ष अनिलकुमार मणिभाई नाइक और लेखक और थिएटर व्यक्तित्व बलवंत मोरेश्वर पुरंदरे को सम्मानित किया गया।

यहाँ देखे कुल 112 लोगों की सूची जिन्हे सम्मानित किया गया।

बिहार के छह गणमान्य जिन्हे मिला पद्म पुरस्कार

बिहार राज्य के राजकुमारी देवी (कृषि), भागीरथी देवी (सार्वजनिक मामले), ज्योति कुमार सिन्हा (सामाजिक कार्य), गोदावरी दत्ता (कला चित्रकारी), मनोज बाजपेयी (कलाकार) को पद्मश्री एवं हुकुमदेव नारयण यादव (सार्वजनिक मामले) को पद्मभूषण से सम्मानित किया गया है।

पद्मभूषण हुकुमदेव नारयण यादव
Hukumdev Narayan Yadav

श्री हुकमदेव नारायण यादव भारत की 16 वीं लोकसभा के सदस्य और पूर्व केंद्रीय राज्य मंत्री हैं। वह बिहार के मधुबनी निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं और भारतीय जनता पार्टी के सदस्य हैं। श्री यादव संसद में अपने उग्र भाषणों के लिए जाने जाते हैं। अगस्त 2018 में, श्री यादव 2014-2017 की अवधि के लिए उत्कृष्ट सांसद पुरस्कार के प्राप्तकर्ता थे। श्री हुकमदेव नारायण यादव पेशे से कृषक हैं और वह एक सामाजिक कार्यकर्ता भी हैं।


पद्मश्री राजकुमारी देवी

राजकुमारी देवी कृषि में आत्म-प्राप्त विशेषज्ञता के साथ वह अपने क्षेत्र में मिट्टी की गुणवत्ता का आकलन करने और सफल फसल सुनिश्चित करने में कुशल है। तीन दशकों के अनुभव के कारण उन्हें “किसान चाची” भी कहा जाता है। बिहार के मुज़फ़्फ़रपुर जिले से आने वाली तीन बच्चों की 58 साल की माँ ने साइकिल से घूमकर लोगों को व्यवसाय के लिए सही कृषि-आधारित उत्पादों को विकसित करने के टिप्स दिए। राजकुमारी देवी 300 से अधिक महिलाओं की स्वयं सहायता समूह बनाकर वित्तीय रूप से स्वतंत्र होने में उनकी मदद भी करती हैं।


पद्मश्री भागीरथी देवी

श्री भागीरथी देवी एक भारतीय राजनीतिज्ञ हैं। वह बिहार विधानसभा की सदस्य हैं, और वर्तमान में रामनगर, पश्चिम चंपारण का प्रतिनिधित्व करती हैं। भागरथी देवी ने शुरुआत में वेतन के रूप में रूपए 800 के साथ पश्चिम चंपारण जिले के नरकटियागंज में प्रखंड विकास कार्यालय में एक स्वीपर के रूप में काम किया करती थी।


पद्मश्री ज्योति कुमार सिन्हा

श्री ज्योति कुमार सिन्हा का जन्म पटना, बिहार में हुआ था। दलित बच्चों की शिक्षा दिलाने के क्षेत्र में कार्य करने वाले पूर्व आइपीएस अधिकारी ज्योति कुमार सिन्हा, केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के महानिदेशक और बाद में राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के सदस्य के रूप में कार्य किया। अपने पद पर रहते हुए उन्होंने समाज सुधार और कल्याण के लिए अद्भुत कार्य किये हैं। उनके इस उपलब्धियों के लिए उन्हें पद्मश्री सम्मान से नवाजा गया है।


पद्मश्री गोदावरी दत्ता


श्री गोदावरी दत्ता या जैसा कि हम उन्हें बुलाना चाहते हैं, मधुबनी कला की ग्रैंड ओल्ड वुमन, अपने आप में एक प्रेरणा की स्रोत है। 87 साल के इस कलाकार ने मधुबनी कला को अप्राप्य ऊँचाइयों तक पहुँचाया और बिहार के गौरव को बढ़ाने में कोई कसर नहीं छोड़ी। बिहार के दरभंगा जिले के बहादुरपुर गाँव की निवासी श्रीमती दत्ता ने अपने जीवन में बहुत संघर्ष देखा है। लेकिन उन्होंने अपनी मेहनत से अपनी ही नहीं बल्कि पुरे राज्य को गौरवान्वित किया है।


पद्मश्री मनोज बाजपेयी


श्री मनोज बाजपेयी, एक ऐसा व्यक्ति जिसे किसी के परिचय की आवश्यकता नहीं है। उन्होंने बॉलीवुड में अपने लिए एक नाम बनाया है और खुद को एक अनुभवी अभिनेता के रूप में स्थापित किया है। मनोज बाजपयी किसी भी भूमिका के लिए खुद को ढाल लेने वाले कलाकारों में अव्वल हैं। चाहे वह गैंग्स ऑफ वासेपुर के सरदार खान हों या सत्या के भीखू म्हात्रे, मनोज बाजपेयी ने लगातार साबित किया है कि यह बिहारी एक जन्मजात अभिनेता है।

हमारी टीम और पुरे बिहार की और से इन गणमान्य लोगों को तहे दिल से शुभकामनाएं। आप अपने प्रदेश के युवाओ और समाज के लिए प्रेरणास्रोत हैं।

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