Home बिहार गया जल शक्ति अभियान में गया जिले की बदौलत बिहार शिखर पर

जल शक्ति अभियान में गया जिले की बदौलत बिहार शिखर पर

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नियोजित तरीके से लगातार कोशिश की जाए तो नतीजे अच्छे ही आते हैं। बिहार के गया जिले ने इसे साबित कर दिखाया है। पूरी गर्मी पानी के लिए परेशान रहने वाला यह जिला जल शक्ति अभियान में पूरे देश में अव्वल स्थान प्राप्त किया है। यह उपलब्धि यकायक हासिल नहीं हुई, बल्कि एक-एक पायदान ऊपर चढ़ते हुए बिहार का यह जिला गया शीर्ष तक पहुंचा है।

सर्वाधिक जिले तमिलनाडु के

जल शक्ति अभियान में चरणवार रैंकिंग की गयी है और हर चरण में अंकों में बढ़ोतरी की जाती रही है। 15 सितंबर को हुई आखिरी रैंकिंग में गया को 81 अंक मिले, जो निकटतम प्रतिद्वंद्वी से लगभग 15 प्रतिशत अधिक हैं। तेलंगाना के महबूबनगर को दूसरा और आंध्र प्रदेश के कडपा को तीसरा स्थान प्राप्त हुआ है। पड़ोसी राज्य झारखंड का धनबाद जिला चौथे पायदान पर रहा। अभियान के तहत सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले दस जिलों में सर्वाधिक तीन तमिलनाडु के हैं। अभियान में देश के 253 जिले ने भाग लिया, जिनमें से 27 जिला किसी पायदान पर काबिज नहीं हो सके। सबसे खराब प्रदर्शन समुद्रतटीय जिला दक्षिणी गोवा का रहा, जिसे महज 0.01 अंक मिले।

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जल संग्रहण को गति

इससे पहले 9 सितंबर को हुई रैंकिंग में गया पांचवें से तीसरे पायदान पर छलांग लगायी थी। धनबाद जिला को दूसरा और तेलंगाना के महबूबनगर को पहला स्थान मिला था। उसके बाद गया ने एक और जोर लगाया। अभियान के तहत जल संग्रहण से संबंधित निर्माण कार्यो को गति दी गई और जन जागरूकता के फलक को कुछ और विस्तृत किया गया। डीएम अभिषेक सिंह कहते हैं इसका मतलब यह नहीं कि कारवां को विराम मिल गया है। यह कोशिश आगे भी जारी रहेगी। आखिरी लक्ष्य गया को पानी और पर्यावरण के संकट से स्थायी निजात दिलाना है। जिला प्रशासन इसके लिए दृढ़प्रतिज्ञ है।

बिहार के अन्य जिले भी हुए थे शामिल

अभियान में लगातार बेहतर प्रदर्शन करने वाला बिहार का एकमात्र जिला गया रहा। इसी के बूते बिहार शिखर पर विराजमान है। शेष 11 जिले काफी दूर रह गए। राज्य में दूसरे-तीसरे पायदान पर रहने वाले नवादा और जहानाबाद भी उसी मगध प्रमंडल के जिले हैं, जिसका मुख्यालय गया में है। पटना 8वें पायदान पर रहा। सबसे पीछे रहने वाला कटिहार सीमांचल के चार जिलों में से एक है। सीमांचल में पानी की प्रचुरता है, लेकिन संरक्षण-संग्रहण का पुख्ता इंतजाम नहीं। मगध प्रमंडल के अधिकांश हिस्से प्यासे हैं, ऐसे में गया जल संग्रहण का बेहतर सबक दे रहा।

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