बिहार की बेटी सौम्या को आज देर रात प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ बैठकर चंद्रयान 2 की चांद पर लैंडिंग देखने का मौका मिला है। चंद्रयान 2 की शुक्रवार व शनिवार की देर रात चांद पर लैंडिंग होगी। बिहार के बोधगया शहर के एक निजी स्कूल में कक्षा आठ की छात्रा सौम्या को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ भारत के इस ऐतिहासिक क्षण का गवाह बनने का अवसर मिला है। सौम्य को यह मौका राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता में सफलता के बाद भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संस्थान ने दिया है।
क्विज प्रतियोगिता में सफलता के बाद मिला मौका
सौम्या को यह मौका ‘इसरो’ की क्विज प्रतियोगिता में 10 मिनट में 20 सवालों के जवाब देने के बाद हासिल हुआ है। सौम्या इसरो द्वारा पूछे गए सवाल के जवाब महज आठ मिनट में दिए। उसके बाद बिहार की बेटी की तो किस्मत ही खुल गई। सौम्या अपने इस उपलब्धि पर बताती है कि 29 अगस्त को ई-मेल से उन्हें अपने इस कामयाबी की सूचना मिली। उससे शैक्षणिक प्रमाण पत्रों आदि के सत्यापन के पश्चात 31 अगस्त को उसे इसरो ने बिहार की बेटी को बेंगलुरु बुलाया।
बिहार के गया जिला स्थित बोधगया शहर के एक निजी विद्यालय में पढऩे वाली सौम्या को इस सफलता ने पुरे बिहार में चर्चा में ला दिया। इसरो द्वारा आयोजित ऑनलाइन क्विज प्रतियोगिता में सफलता हासिल कर वह दादी का सपना साकार कर रही है। दादी की इच्छा थी कि सौम्या सफलता के आकाश में उड़ान भरे। सौम्या की दादी खुद भी तो ऐसा ही चाहती है। छोटी उम्र में ही सौम्या ने अपने मेधा के बल पर पहली बड़ी सफलता हासिल की है।
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सौम्या का परिवार
पेशे से रिलायंस पेट्रोलियम में इंजीनियर सौम्या के पिता राजनंदन शर्मा को अपने बेटी के इस उपलब्धि पर गर्व है। वे मूल रूप से नवादा जिले के वारसलीगंज प्रखंड के निवासी हैं। उन्होंने चार वर्ष पहले रिलांयस पेट्रोलियम में योगदान किया था। अपने तीन भाई-बहनों में सबसे बड़ी सौम्या की मां मोनिका कुमारी गृहिणी हैं।
सौम्या बताती है कि वह प्रधानमंत्री के साथ चंद्रयान की चांद पर लैंडिंग देखने को लेकर बहुत ही उत्साहित है। आगे वह बड़ी होकर इंजीनियर बनना चाहती है और अंतरिक्ष के रहस्यों को सुझाने की ख्वाइश है।
भारत चांद पर जाने वाला चौथा देश
आपको बताते चले की आज शुक्रवार को देर रात चंद्रयान 2 की चांद की सतह पर लैंडिंग के साथ अमेरिका, रूस और चीन के बाद भारत यह उपलब्धि हासिल करने वाला चौथा देश बन जाएगा। हालांकि, भारत अपने यान को चांद के जिस भाग में उतराने वाला है, वहां आज तक कोई देश नहीं पहुंच सका है।