पटना। अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत मौत प्रकरण में अपने एक्शन को लेकर सुर्खियों में आए बिहार के डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय ने वीआरएस ले लिया और अब उनके राजनीति में जाने के संकेत हैं। माना जा रहा है कि एनडीए की ओर से वह इस बार बिहार विधानसभा या फिर लोक सभा के उपचुनाव में उम्मीदवार हो सकते हैं। वे यह भी दावा कर रहे हैं कि बिहार की किसी भी सीट से चुनाव जीत सकते हैं। जाहिर है सबकुछ अभी फीलगुड जैसा है। लेकिन कुछ ऐसी भी बातें हैं जो उनके करियर पर ‘दाग’ जैसी है।
1987 बैच के आईपीएस अफसर हैं गुप्तेश्वर पांडेय
बतादें कि 1987 बैच के आईपीएस अधिकारी पूर्व डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय अपनी 31 साल की सर्विस में एएसपी, एसपी, एसएसपी, डीआईजी आईजी और एडीजी के रूप में बिहार के 26 जिलों में काम कर चुके हैं। अपने कार्यकाल के दौरान वे बिहार के कई बड़े जिलों में पुलिस कप्तान की भूमिका में रहे। इन्हें मुजफ्फरपुर रेंज के आईजी के रूप में भी बड़ी जिम्मेदारी दी गई थी। उसी दौरान एक ऐसा भी केस आया था जो उनकी विफलताओं में से एक है।
गुप्तेश्वर पांडेय की भूमिका पर उठ चुके हैं सवाल
दरअसल वर्ष 2012 में 18-19 सितंबर रात 12 साल की बच्ची नवरुणा का अपहरण उसके घर से हुआ था। उसके कमरे की खिड़की का ग्रिल काटकर इसे अंजाम दिया गया। अपहरण के बाद 26 नवंबर 2012 को घर से सटे नाले से उसकी हड्डियां बरामद हुई थी। इस मामले ने काफी तूल पकड़ा था। इसके बाद कई बार गुप्तेश्वर पांडेय की भूमिका को लेकर भी सवाल उठे हैं।
मामला बढ़ा तो SC ने सीबीआई को सौंपी जांच
बतादें कि इस केस की जांच करने वाले अधिकारियों में एक गुप्तेश्वर पांडेय भी थे। वो उस समय मुजफ्फरपुर के आईजी थे। बाद में यह मामला सीआईडी को दिया गया। राष्ट्रीय सुर्खियों में आने के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सुप्रीम कोर्ट के कहने के बाद 14 फ़रवरी 2014 को केस सीबीआई को ट्रांसफर किया। छह साल से सीबीआई जांच कर रही है लेकिन उसकी जांच अभी तक पूरी नहीं हो सकी।
नवरुणा के पिता के हैं आरोप
इस बीच एक प्रकरण नवंबर 2018 का भी है जब सीबीआई ने नवरुणा केस की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट से समय बढ़ाने की मांग की थी। सीबीआई के एप्लीकेशन पर सुप्रीम कोर्ट ने जांच के लिए आखिरी 6 महीने का वक्त दिया। दरअसल नवरुणा के पिता अतुल्य के मुताबिक सीबीआई ने जिस एप्लीकेशन के आधार पर वक्त मांगा उसमें इस केस से जुड़े कुछ अफसरों की जांच का जिक्र किया गया था। उन अफसरों में गुप्तेश्वर पांडेय का नाम भी शामिल है।
जब गुप्तेश्वर पांडेय ने सीबीआई से कहा
नवरुणा के पिता अतुल्य और मां डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय पर आरोप लगाते रहे हैं कि वे (गुप्तेश्वर पांडेय) भू-माफियाओं से मिले हुए थे। उनकी शह पर ही सब कुछ हुआ था। इस बात को लेकर जब कई बार मीडिया ने गुप्तेश्वर पांडेय से बात की तो उन्होंने हर बार यही कहा कि सीबीआई इंट्रोगेशन की है तो मैंने खुद सीबीआई को कहा था, मु़झसे भी पूछताछ करिए। वरना मेरे ऊपर सवाल उठेंगे।
अबतक 7 गिरफ्तारी
हालांकि इस मामले में सुप्रीम कोर्ट अबतक करीब 10 बार सीबीआई को अतिरिक्त समय दे चुकी है, लेकिन इस केस पर से पर्दा नहीं उठ सका। एससी से मिली डेडलाइन में बतादें कि सीबीआई ने इस मामले जिन सात लोगों को गिरफ्तार किया वे सारे वही भू-माफिया हैं, जिनपर आरोप लगा। ये नाम रमेश कुमार, सुदीप चक्रवर्ती, श्याम पटेल, शब्बू, बीकू शुक्ला, रमेश अग्रवाल, राकेश सिंह हैं।
400 लोगों से हो चुकी है पूछताछ
बहरहाल नवरुणा के पिता अतुल्य बताते हैं कि सीबीआई की ओर से अब तक 400 लोगों का इंटरोगेशन करवाया जा चुका है। जिन गवाहों-संदिग्धों के ब्रेन मैपिंग और नार्को टेस्ट का हवाला देकर सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट से समय मांगा उनमें से एक गुप्तेश्वर पांडेय का भी नाम है। इसके अलावा जदयू से जुड़े राजनीतिज्ञों के साथ अन्य पुलिस अफसर भी शामिल हैं, लेकिन केस में आगे क्या हो रहा है इसका पता नहीं लग रहा है।