- चुनाव के समय नेता आते हैं और फिर बन जाते हैं ‘गूलर का फूल’
बाढ़। बिहार में जैसे-जैसे बिहार विधानसभा चुनाव समीप आ रहे हैं वैसे-वैसे क्षेत्र के मतदाताओं के जुबान के साथ चेहरे भी बदलते नजर आ रहे हैं। वैसे तो अभी चुनाव की तिथि की घोषणा नहीं हुयी है फिर भी मतदाता विभिन्न प्रकार की मांगों को लेकर कमर कस चुके हैं। अब आपको मामले के संबंध में बताता चलूं कि राजधानी पटना से 60 से 70 किलोमीटर पर स्थित बाढ़ अनुमंडल अंतर्गत अथमलगोला प्रखंड के कासिमपुर डाड़ी गांव अभी भी विकास की किरणों से अछूता है। इस बावत और चुनाव को लेकर गांव के लोगों का मन टटोलने के लिये जब संवाददाता ने उक्त क्षेत्रों का दौरा किया तो बगैर कोई लाग-लपेट के स्पष्ट तौर पर ग्रामीणों ने कहा कि’रोड नहीं तो वोट नहीं’।
‘रोड नहीं तो वोट नहीं’
ग्रामीणों ने सड़क की बदहाली से आहत होकर नेताओं का गांव में प्रवेश वर्जित करते हुए रोड नही तो वोट नही का नारा दिय।ज्ञात हो कि मुख्य मार्ग (महावीर मंदिर) के निकट से होते हुए गांव में प्रवेश करने वाली सड़क का बुरा हाल है। कीचड़ से सने इस सड़क पर पैदल यात्रियों का चलना दूभर हो गया है। इससे आहत ग्रामवासियों ने कई नेताओं के दरबार में हाजरी लगाई। लेकिन परिणाम आज तक शून्य ही रहा।
नेताओं के दरबार में हाजरी लगाई परिणाम आज तक शून्य ही रहा
इस संबंध में जानकारी देते हुए ग्रामीण रंजीत कुमार सिंह ने कहा कि सड़क की बदहाली से समस्त ग्रामीण परेशान हैं, नेता आते हैं और बड़े-बड़े वादे कर चले जाते हैं यही नहीं ‘गूलर का फूल’ बन जाते हैं लेकिन हमारी समस्या को दूर करने की फुरसत किसी के पास नही है। इसीलिए सभी ग्रामवासियों एकजुट होकर वैसे नेताओं का प्रवेश वर्जित करते हुए रोड नही तो वोट नही का नारा दिया। मौके पर यशवंत कुमार सिंह, सुनील सिंह, बौआ सिंह, राजेश कुमार, केदार सिंह, कुंदन सिंह सहित सैकड़ों ग्रामीण मौजूद दिखे।