तेजस्वी यादव ने बिहार में शराबबंदी की सफलता पर सवाल उठाए हैं। नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर बड़ा आरोप लगते हुए ट्वीट कर कहा है कि मैं कह रहा हूं कि नीतीश कुमार के आवास में शराब माफ़िया मटरगस्ती करते है। CM के अंग-संग रहने वाले लोग शराब पीते हैं।
राज्य सरकार पर हमला करते हुए तेजस्वी ने आरोप लगाया कि गरीबों को जेल भेजने और पुलिस को भ्रष्ट एवं नकारा बनाने के लिए ही शराबबंदी लागू की गई है। अबतक डेढ़ लाख लोगों को शराब पीने-रखने के आरोप में जेल भेज दिया गया है, लेकिन एक भी सीनियर अधिकारी पर कार्रवाई नहीं हुई।
खुद को गिरफ्तार करने की चुनौती
तेजस्वी यादव ने बिहार पुलिस को खुद को गिरफ्तार करने की चुनौती दी और कहा कि अगर पुलिस में दम है तो मुझे गिरफ्तार करे। तेजस्वी ने आरोप लगाया कि जदयू के कई कार्यकर्ता शराब माफिया बने बैठे हैं। किंतु पुलिस उनके खिलाफ कार्रवाई नहीं करती है। जो पकड़े भी जाते हैं, उन्हें तुरंत छोड़ दिया जाता है। शराब पीते हुए कई नेताओं के वीडियो वायरल हुए हैं। किंतु गिरफ्तारी गरीबों की हो रही है।
मैं कह रहा हूँ नीतीश कुमार के आवास में शराब माफ़िया मटरगस्ती करते है। CM के अंग-संग रहने वाले लोग शराब पीते है। है बिहार पुलिस में कोई माई का लाल मुझे Arrest करे? इन बेशर्म और भ्रष्ट जनादेश डकैतों से पूछे शराबबंदी से CM आवास से कितने माफ़िया पैदा हुए है?https://t.co/c0FLyoQ1Rb
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) October 30, 2019
तेजस्वी यादव ने उसके बाद लिखा है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पार्टी फ़ंड और RCP टैक्स जुटाने के लिए शराबबंदी किया है। ग़रीबों को जेल भेजने और पुलिस को भ्रष्ट एवं नकारा बनाने के लिए शराबबंदी करी है।
शराब पीते वीडियो वाइरल
नेता प्रतिपक्ष ने आगे कहा की आपके नेताओं के शराब पीते वीडियो वाइरल हुए है, और आपकी निकम्मी, भ्रष्ट पुलिस आपके भ्रष्ट शासन की पोल खोलने वाले विपक्षी कार्यकर्ताओं को पकड़ रही है। आप 15 वर्ष से कुंडली मारे बैठे है फिर भी आपकी निकम्मी पुलिस की बंदूक़ नहीं चलती है। जीपें धक्कामार हो चुकी है। विपक्षी कार्यकर्ताओं पर ध्यान देने से अच्छा है बिगड़ती विधि व्यवस्था को संभालिए।
ज्ञात हो की वर्ष 2016 में बिहार में पूर्ण रूप से शराब पर प्रतिबन्ध लगा दिया गया था। शराबबंदी के बाद सरकार अपनी पीठ थपथपाती नजर आती है परन्तु जमीनी हकीकत कुछ और बयान करती है। शराबबंदी से बिहार में शराब की कालाबाज़ारी बढ़ी है। हालांकि शुरुआत में क्राइम कुछ हद तक काम हुआ था परन्तु ताज़ा हालात और स्थिति हाल ही में जारी हुए NCRB के रिपोर्ट से कुछ और ही बयान कर रही है।