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राज्य से बाहर फंसे लोगों के लिए तेजस्वी यादव ने लिया उपवास का निर्णय

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जहां एक तरफ विश्वव्यापी संकट कोरोना महामारी की जद में बिहार दिनोंदिन उलझता जा हा है. वहीं, दूसरी ओर कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण के इस संकट की घड़ी में भी सियासी गलियारों में उठा-पटक शुरु हो चुकी है. दरअसल, बात यह है कि बिहार में कोरोना वायरस के कारण बाहर फंसे लोगों को लेकर अब सियासी गलियारों का पारा पूरी तरह चढ़ चुका है. लॉकडाउन को लेकर बिहार के बाहर फंसे लोगों को वापस लाने के लिए अब तेजस्वी यादव ने उपवास करने का फैसला किया है.

तेजस्वी यादव की टीम करेगी उपवास

बता दें कि लॉकडाउन की वजह से बिहार के बाहर फंसे मजदूरों के लिए नेता प्रतिपत्क्ष तेजस्वी यादव लगातार आवाज उठाते ही रहे हैं. अब तेजस्वी यादव ने इस आवाज को धार देने की कोशिश की है. पूर्व डिप्टी सीएम ने अब फैसला किया है कि वो 1 मई को 2 घंटे का पार्टी के नेता के साथ सोशल डिस्टेंसिंग का ख्याल रखते हुए उपवास करेंगे. तेजस्वी यादव ने भी ट्वीट कर इस बात की जानकारी दी है. साथ ही लिखा है कि ‘असंवेदनशील,निकम्मी और क्रूर बिहार सरकार की प्रशासनिक विफलता के कारण 25 लाख अप्रवासी बिहारीवासी बाहर फँसे है।

35 दिन बाद भी उन्हें वापस बुलाने की कोई योजना व वैकल्पिक उपाय नहीं

लॉकडाउन के 35 दिन बाद भी उन्हें वापस बुलाने की कोई समग्र योजना व वैकल्पिक उपाय नहीं है। उनका कहना है कि यह सरकार गूँगी, अँधी और बहरी है. हम इस सरकार का मुँह, आँख और कान खोलने के लिए सांकेतिक विरोध-प्रदर्शन करेंगे।’ तेजस्वी यादव ने आज इससे पहले भी ट्वीट कि बाहर फंसे मजदूरों को लेकर सरकार पर यह आरोप लगाया था कि वो बहानेबाजी कर रही है.

गौरतलब है कि कोरोना महामारी के चलते हुये लॉकडाउन में काफी संख्या में विद्यार्थी और मज़दूर बिहार से बाहर,.  देश के अन्य राज्यों के भिन्न-2 शहरों में फंसे हुये हैं. राजस्थान के कोटा में फंसे अन्य राज्यों के विद्यार्थियों को उनके राज्य की सरकारों ने विशेष सुविधा से अपने होम स्टेट में वापस बुला लिया है. वहीं, बिहार सरकार छात्रों की लगातार गुजारिश के बाद भी अपने राज्य में उन्हें वापस लेकर नहीं आयी.

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