बिहार में शुक्रवार को कोरोना संक्रमण की चपेट में आए एक और युवक की एम्स पटना में मौत हो गई। इससे पहले 21 मार्च को कतर से लौटे मुंगेर के संक्रमित युवक की भी एम्स पटना में ही मौत हुई थी। वैशाली जिले के राघोपुर प्रखंड निवासी 35 वर्षीय नवल किशोर राय को 14 अप्रैल को एम्स पटना के आइसोलेशन वार्ड में भर्ती कराया गया था। 15 अप्रैल को रिपोर्ट पॉजिटिव आने पर उसके साथ आए भाई, पत्नी और बहन को भी भर्ती कर जांच कराई गई। हालांकि इन सभी की पहली रिपोर्ट निगेटिव है। राज्य में अब तक कोरोना से दो युवकों की मौत हो चुकी है।
एम्स में भर्ती होने के पहले वैशाली के संक्रमित युवक ने खुसरूपुर के सेंट्रल हॉस्पिटल, राजेंद्रनगर स्थित मैक्स लाइफ जांच केंद्र और न्यू बाईपास के मीठापुर बस स्टैंड के पास पॉपुलर अस्पताल में इलाज कराया था। एम्स पटना के नोडल पदाधिकारी डॉ. नीरज अग्रवाल ने बताया कि युवक की पत्नी, भाई और बहन की दोबारा जांच कराई जा रही है।
बिहार में दो और कोरोना संक्रमित मिले
बिहार में शुक्रवार को और दो कोरोना संक्रमितों का पता चला। बिहार में कुल संक्रमितों की संख्या अब 85 हो गई है। छह अलग-अलग सरकारी कोरोना जांच लैब में कुल 709 सैंपल की जांच में दो और कोरोना पॉजिटिव की पहचान हुई है। इनमें एक व्यक्ति नालंदा के बिहारशरीफ से मिला है, जबकि दूसरा बेगूसराय से।
जानकारी के अनुसार नालंदा से आज मिला कोरोना पॉजिटिव बुधवार को मिले कोरोना पॉजिटिव का भतीजा है जिसकी आयु 17 वर्ष है। बेगूसराय के जिस व्यक्ति की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है वह मंसूरचक का रहने वाला है और इसकी आयु 42 वर्ष है। यह व्यक्ति कोरोना प्रभावित के संपर्क में आया था। शुक्रवार तक राज्य में कुल 9543 सैंपल की जांच की जा चुकी है। आज आरएमआरआइ में 509, आइजीआइएमएस में 65, डीएमसीएच में 50, पीएमसीएच में 33, एसकेएमसीएच में 25 और एम्स पटना में 27 सैंपल की जांच की गई।
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स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी बुलेटिन के अनुसार कुल 85 कोरोना संक्रमित मिल चुके हैं। 37 स्वस्थ हो चुके हैं जबकि दो लोगों की मृत्यु हो चुकी है। 21 मार्च को राज्य में मिले पहले कोरोना संक्रमित की मौत हुई जबकि वैशाली से मिले एक कोरोना संक्रमित की एम्स पटना में मृत्यु हो गई।
बिहार में अब 800 सैंपल की जांच रोज़
पटना के प्रमुख कोरोना जांच केंद्र राजेंद्र मेमोरियल रिसर्च इंस्टीट्यूट में अब एक दिन में सात से आठ सौ सैंपल की जांच हो सकेगी। स्वास्थ्य विभाग द्वारा सूबे में सैंपल जांच में तेजी लायी जा रही है। डोर टू डोर स्क्रीनिंग और अधिक से अधिक लोगों की जांच को देखते हुए आरएमआरआइ में सैंपल जांच की क्षमता बढा दी गई है। आरएमआरआइ में एक और आरटीपीसीआर मशीन बढ़ाई गई है। मशीन के काम करने से संस्थान की क्षमता बढ़ी है।
यह जानकारी राज्य के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने दी। मंत्री ने कहा कि अभी तक राज्य में करीब 10 हजार सैंपल की जांच पूरी हो चुकी है। अब छह केंद्रों पर सैंपल की जांच की जा रही है। वहीं विभिन्न प्रकार से डोर टू डोर स्क्रीनिंग कार्यक्रम में 15 हजार 462 टीम लगी हुई है। इस कार्यक्रम के तहत विगत दो दिनों में राज्य में 9 लाख परिवार के 48 लाख 40 हजार लोगों की स्क्रीनिंग की गई है। पांडेय ने कहा कि सूबे में कोरोना वायरस को मात देने का सिलसिला जारी है। अब तक 42 मरीज कोरोना को पराजित कर घर जा चुके हैं। शुक्रवार को भी सिवान के पांच संक्रमित मरीज स्वस्थ हुए हैं।