जदयू के पूर्व उपाध्यक्ष व चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर पुन: एक बार विवादों में घिरते नजर आ रहे हैं. प्रशांत किशोर के खिलाफ पाटलिपुत्र थाने में एक एफआइआर दर्ज किया गया है. दरअसल पूर्व जदयू उपाध्यक्ष के खिलाफ यह एफआईआर जालसाजी के मामले में दर्ज की गई है. प्रशांत किशोर पर अपने अभियान (बात बिहार की) के लिए कंटेट की नकल करने का आरोप लगा है.
बता दें कि पीके पर मोतिहारी के रहने वाले शाश्वत गौतम ने एफआईआर दर्ज कराई है. शाश्वत द्वारा दर्ज करायी गयी एफआईआर में एक अन्य युवक ओसामा का भी नाम है. दरअसल ओसामा पटना विश्वविद्यालय का छात्र रह चुका है. और पीयू में छात्र संघ सचिव का चुनाव भी लड़ चुका है. अब हम यह जानते हैं कि आखिर कौन है ये शाश्वत गौतम. पीके के खिलाफ केस दर्ज करवाने वाले शाश्वत पहले कांग्रेस के लिए काम कर चुके हैं.
प्रशांत को शाश्वत गौतम की खुली चुनौती
दरअसल शाश्वत गौतम ने ‘बिहार की बात’ के नाम से अपना एक प्रोजेक्ट बनाया था, जिसे भविष्य में लॉन्च करने की बात चल रही थी. इसी बीच उनके यहां काम करने वाले ओसामा नाम के के युवक ने इस्तीफा दे दिया. गौतम के कथनानुसार ओसामा ने ही उसका प्रोजेक्ट प्रशांत को दिया होगा. अगर गौतम के आरोपों को सच माना जाए तो उसी ने शाश्वत गौतम के प्रोजेक्ट (बिहार की बात) के सारे कंटेंट प्रशांत किशोर के हवाले कर दिए. इसके बाद प्रशांत किशोर ने उन सारे कंटेंट को को अपनी वेबसाइट पर डाल दिया.
विदित हो कि शाश्वत गौतम ने पुलिस को वो सभी साक्ष्य भी दिए हैं. जिससे इस बात की पुष्टी हो सके कि पीके उनका दावा है कि अपने कंटेंट के साथ उन्होंने वेबसाइट को जनवरी माह में ही रजिस्टर्ड करवाया था. जबकि प्रशांत किशोर ने अपनी वेबसाइट को फरवरी में पंजीकृत करवाया.