भारी बारिश के बाद जलजमाव से राजधानी की हुई नारकीय स्थिति से तुरंत निजात दिलाने के लिए पटना हाईकोर्ट में सोमवार को एक लोकहित याचिका दायर की गई है, जिसकी सुनवाई 18 अक्टूबर को न्यायाधीश शिवाजी पांडेय की अध्यक्षता वाली दो सदस्यीय खंडपीठ करेगी। इस मामले में टीम गठन होने की भी संभावना है। अधिवक्ता एसएन पाठक एवं अधिवक्ता दीनू कुमार ने दो अलग-अलग याचिका दायर कर कोर्ट को बताया है कि जल जमाव की समस्या नई नहीं है। 1991 और 1997 में भी भारी बारिश के कारण पटना में जल जमाव की गंभीर समस्या उत्पन्न हो गई थी। राज्य सरकार को प्लान बनाने के लिए कहा गया था, लेकिन पहले पारित दो आदेशों की अनदेखी की गई।
अधिवक्ता एस एन पाठक ने कोर्ट को बताया कि पटना हाईकोर्ट के न्यायाधीश सुधीर सिंह के पिता एनपी सिंह जब पटना हाईकोर्ट के जज थे तो उन्होंने जल-जमाव को लेकर बड़ा फैसला दिया था। वे सुप्रीम कोर्ट के जज होकर रिटायर हो गए। लेकिन स्थिति जस की तस रही। इस बार के जल जमाव में उन्हें भी कष्ट उठाना पड़ा। अदालत में उपस्थित कुछ वकीलों ने कोर्ट से यह भी कहा कि 1997 में अधिवक्ता श्याम किशोर शर्मा ने पटना को जल-जमाव से मुक्त करने के लिए याचिका दायर की थी। उसमें भी राज्य सरकार को निर्देश दिया गया था।
केंद्रीय स्वास्थ्य एजेंसियों के साथ अश्विनी चौबे करेंगे बैठक
केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्यमंत्री अश्विनी कुमार चौबे मंगलवार को बाढ़ ग्रसित क्षेत्रों में लोगों को स्वास्थ्य सुविधाएं देने वाली केंद्रीय स्वास्थ्य एजेंसियों के साथ बैठक करेंगे। बैठक में एनसीडीसी, आइसीएमआर, एम्स, आरएमआरआइ, और सीजीएचएस सहित राज्य स्वास्थ्य समिति के सभी वरीय पदाधिकारी उपस्थित रहेंगे। बैठक राजकीय अतिथिशाला में होगी।
यह जानकारी मंत्री के मीडिया प्रभारी वेद प्रकाश ने दी। उन्होंने बताया कि इससे पहले मंत्री पीएमसीएच में डेंगू पीड़ितों से मिलेंगे। इस दौरान यहां तैनात डॉक्टरों से भी मिलेंगे और उनसे बीमारी और इलाज करा रहे लोगों के संबंध में जानकारी हासिल करेंगे। वे यहां नए बनने वाले सुपर स्पेशलिटी अस्पताल से संबंधित निर्माण की जानकारी भी प्राप्त करेंगे।
जलजमाव के बाद दिख रहा है आम लोगों में आक्रोश, सड़क पर उतरे लोग
बीमा कंपनियों से मुआवजे की मांग
बिहार चैंबर ऑफ कामर्स एंड इंडस्ट्रीज के अध्यक्ष पीके अग्रवाल ने बीमा कंपनियों को पत्र लिखकर राजधानी में जलजमाव से हुए नुकसान को समय सीमा के अंदर मुआवजा देने का अनुरोध किया है। साथ ही उन्होंने केंद्रीय वित्त मंत्री, कानून मंत्री एवं राज्य के सांसदों व विधायकों से आग्रह किया है कि पीड़ित लोगों को बीमा कंपनियों से मुआवजा दिलाने में सहयोग करें। उन्होंने कहा, राजधानी में जलजमाव के कारण लोगों को काफी क्षति हुई है। उन्होंने कहा कि सर्वाधिक क्षति व्यावसायियों का हुआ है। करोड़ों-अरबों का समान बर्बाद हो गया है। काफी संख्या में वाहनों को भी क्षति पहुंची है।