जिस तरह 22 मार्च यानि गत रविवार को शाम पांच बजे मैनें और आप सब ने भारत के हेल्थ वर्करों को याद किया और ताली तथा थाली बजाकर उनका शुक्रिया अदा किया. उसी तरह आप सब को अब कोरोना वायरस से लड़ते हुए शहीद हुए दुनिया के उन तमाम डाक्टरों और स्वास्थ्यकर्मियों को भी याद करना चाहिए जो भारत के नहीं हैं।
दोस्तों, आपको बता दें इटली में कोरोना का इलाज करते हुए 13 डाक्टरों की मौत हो गई है। 2629 स्वास्थ्यकर्मी संक्रमित हो गए हैं। वे भी कोरोना से अपनी ज़िंदगी की लड़ाई लड़ रहे हैं। इटली में 50 से अधिक डॉक्टरों को कोरोना का संक्रमण हुआ है।
बता दें कि 57 साल के डॉ मार्सेलो नताली की कोरोना से मौत हो गई। वे कोडोगोनो शहर में फ्रंट लाइन पर संक्रिमत मरीज़ों का इलाज कर रहे थे। आपको यह भी बताना चाहेंगे कि कोडोगोनो ही वह जगह है जहां से इटली में महामारी का प्रकोप फैलना शुरू हुआ था। दरअसल Dr मार्सेलो नताली ने शिकायत भी की थी कि उनके पास दास्तानें नहीं हैं। उसके बाद ही वो भी कोविड-19 पोजिटिव हो गये। साथी डॉक्टर उन्हें वेंटिलेटर पर रखना चाहते थे, मगर डॉ मार्सेलो नताली ने दूसरे मरीज़ का हक छीनना सही नहीं समझा। उन्हें इलाज मिलने में देरी हो गई। और वे कोरोना से लड़ रहे मरीजों को बचाते-2 खुद कोरोना जैसे काल के गाल में समा गए।
ली ने 30 दिसम्बर को ही कहा, कोरोना है खतरनाक
इसी तरह चीन में के भी कई डाक्टरों और नर्स ऐसे हैं, जिनकी मौत कोरोना वायरस से हो गयी है। बहुत से संक्रमित भी हुए। मरने वालें डॉक्टरों में वांग तुचेंग भी हैं, वांग की उम्र सिर्फ 37 वर्ष थी। सांग यिंगजी 28 साल के थे और फार्मासिस्ट थे। उनकी भी कोरोना से मौत हो गई।
चीन के ली वेनलियन की मौत को हमें भूलना ही नहीं चाहिए। आपको बता दें कि वुहान मेडिकल हॉस्पिटल के ली ने 30 दिसंबर को ही साथी डाक्टरों को बताया था कि कोरोना वायरस है। खतरनाक हो सकता है। उनकी बात पर किसी ने ध्यान नहीं दिया। उल्टा उन्हें प्रताड़ित किया गया। इसी तरह इटली और अन्य देशों में ऐसे कई डॉक्टर हैं जो खुद वायरस से संक्रमित होकर भी इलाज कर रहे हैं। कारण यह कि डाक्टरों और स्वास्थ्यकर्मियों की भयंकर कमी है। क्या आपको नहीं लगता कि ऐसे डॉक्टर और स्वास्थ्यकर्मियों को आपको सम्मान करना चाहिए???
भारत के भी 3 डॉक्टर कोरोना से हुए संक्रमित
इस सब से इतर अगर भारत की बात करें भारत में राजस्थान के तीन डॉक्टर कोरोना वायरस से संक्रमित हो गये हैं। ये तीनों प्राइवेट अस्तपाल में काम करते थे। लखनऊ के किंग जार्ज मेडिकल कालेज के जूनियर रेज़िडेंट को भी संक्रमण हो गया है। कर्नाटक के 63 साल के डॉक्टर को संक्रमण हुआ है। इनके पूरे परिवार को कोरिंटिन में रखा गया है।
हमें समझनी होगी अपनी नैतिक जिम्मेदारी
आप सभी को यह पता करना चाहिए कि दुनिया भर में डाक्टर और अस्पताल के स्टाफ इस चुनौती से आखिर कैसे लड़ रहे हैं। खुद जानें, उनके मेहनत को सलाम करें और दूसरों को भी बताएं। अपने डाक्टरों की सुरक्षा की चिन्ता के लिए सवाल करें और आवाज़ उठाएं। आज भी कल भी और कल के बाद भी। भारत के डाक्टर और स्वास्थ्यकर्मी सुविधा से पूरी तरह से लैस नहीं हैं। वे ड्यूटी पर जाने के लिए तैयार है, लेकिन उनके पास खुद की हिफाजत के लिए सुविधाएं नहीं हैं. आप खुद सोचिए कि अगर सैनिक को बगैर बंदूक के सीमा पर भेज दिया जाए तो क्या होगा???
आप सभी से बढ़ता बिहार की टीम यह आग्रह करती है कि आप सभी हमारे देश भारत में भी भारत समेत दुनिया के तमाम डॉक्टरों की चुनौतियों को समझें। बहुत सी चुनौतियां सरकार की लापरवाही के कारण है। उम्मीद है वे जल्दी दूर होंगी। हम यही उम्मीद करते हैं कि हमारे डाक्टरों और स्वास्थ्यकर्मियों को कोरोना के इलाज के लिए सुरक्षित उपकरण मिलेंगे। उन्हें दास्ताने, मास्क, प्रोटेक्टिव गियर उपलब्ध कराए जाएं।
सरकार लापरवाही से बाज आए
सरकार को भी यह चाहिए कि यही वक्त है ध्यान देने का। यहां हम आपको यह भी बताना चाहेंगे कि भारत के सरकारी अस्पतालों के ज़्यादातर कर्मचारी ठेके पर रखे गए हैं। एंबुलेंस हो या अन्य स्टाफ। इन्हें उचित सैलरी नहीं मिलती है। इनका बहुत शोषण होता है। जरा सोचिए, अगर ये लोग न होते तो हमें या आपको कौन बचाता। इन हेल्थ वर्करों की बेहतरीन सुरक्षा में ही हमारी और आपकी सुरक्षा है।
हम आपको आगे भी अपडेट करते रहेंगे, तब तक आप अपना और अपने अपनों का ख्याल रखिए, हम आपसे एक बार फिर कहना चाहेंगे दुनिया के उन तमाम डॉक्टरों और स्वास्थ्यकर्मियों का शुक्रिया अदा करें जो इस बिमारी से लड़तें हुए अपनी जिंदगी हार गए, और उन डॉक्टरों की, जो इस वक्त कोरोना पीडितों का इलाज कर रहें हैं, उनके हिफाजत के लिए भगवान से दुआ करें.