बिहार के 9 सरकारी अस्पतालों में आज से शुरू हुए जूनियर डॉक्टर के हड़ताल की वजह से मरीजों की मुश्किलें फिर बढ़ गई हैं। हड़ताल का असर पटना के पीएमसीएच समेत अन्य अस्पतालों में सुबह से ही देखने को मिल रहा है। इमरजेंसी वार्ड तक में मरीजों की सुध लेनेवाला कोई दिखाई नहीं पद रहा है।
मरीज के परिजनों ने बताया की वार्ड में एक भी डॉक्टर मौजूद नहीं है। ऐसे में मरीज का इलाज बमुश्किल संभव हो रहा है। स्वास्थ्य व्यवस्था पूरी तरह से प्रभावित हो गई है। डॉक्टर स्टाइपेंड बढ़ाने के साथ कुल आठ मांगों पर अड़े हुए हैं।
नौ मेडिकल कॉलेजों का समर्थन
शनिवार को पटना में जूनियर डॉक्टर के एसोसिएशन की बैठक हुई थी। इस बैठक में सभी नौ मेडिकल कॉलेजों के जूनियर डॉक्टर हड़ताल पर जाने का निर्णय लिया था जिसे पीएमसीएच सहित सभी नौ मेडिकल कॉलेजों के जूनियर डॉक्टरों का समर्थन मिला है। जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल के वजह से अस्पतालों में इमरजेंसी और ओपीडी की सेवाएं ठप पड़ी हुई है।
बिहार के कई जिलों में बाढ़ की विभीषिका से बढ़ रहे बीमारियों के प्रकोप से आमजन परेशान है वहीं दूसरी तरफ डेंगू के बढ़ते डंक से शहरवासी और ग्रामीण इलाके के लोग भी डरे हुए हैं। ऐसे में डॉक्टरों के अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने से राज्य में चिकित्सा व्यवस्था बुरी तरह प्रभावित हो सकती है।
आखिर क्यों गए हड़ताल पर
पीएमसीएच जूनियर डॉक्टर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. शंकर भारती ने बताया की, जेडीए सरकार की चिकित्सा शिक्षा नीति का विरोध कर रहा है। इसके अलावा चिकित्सकों की नियुक्ति प्रक्रिया भी गलत होने के वजह से विरोध किया जा रहा है। उन्होंने आगे बताया की नियुक्ति में अंकों को आधार बनाया गया है, इस वजह से सरकारी मेडिकल कॉलेजों की तुलना में निजी मेडिकल कॉलेजों से पढ़ाई करने वाले छात्रों को ज्यादा लाभ मिल रहा है।
उन्होंने बातचीत के क्रम में आगे बताया की चिकित्सकों की सुरक्षा सहित कुल आठ मांगों को लेकर पिछले छह माह से स्वास्थ्य विभाग के द्वारा बस आश्वासन दिया जा रहा है, लेकिन अभी तक एक भी मांगें पूरी नहीं की गई हैं। जेडीए के सदस्यों ने कहा कि सरकार जब तक मांगों को पूरा नहीं करेगी, तब तक यह हड़ताल अनिश्चित्तकाल के लिए जारी रहेगी।
कैसा होगा बिहार में शिक्षा का स्तर, जब विश्वविद्यालय की हालत है ऐसी?
आइजीआइएमएस व एम्स नहीं है प्रभावित
जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल से आईजीआईएमएस और पटना एम्स प्रभावित नहीं होगा। इन हॉस्पिटल में ओपीडी अपने नियत समय पर चलेगी। आइजीआइएमएस के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. मनीष मंडल ने बताया कि अस्पताल में इलाज के लिए मरीज सुबह साढ़े आठ बजे से दोपहर डेढ़ बजे तक पहुँच सकते हैं।