पटना। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पदाधिकारियों को निर्देश दिया कि अनुसूचित जाति-जनजाति (एससी-एसटी) परिवार के किसी सदस्य की हत्या होने पर पीड़ित परिवार के एक सदस्य को नौकरी देने के लिए तत्काल नियम बनाएं। उन्होंने कहा कि एससी-एसटी के उत्थान व उन्हें मुख्य धारा में जोड़ने के लिए कई योजनाएं चलाई जा रही हैं, पर साथ ही अन्य संभावनाओं/योजनाओं पर भी काम करें। इसके अलावा और जो कुछ भी करने की जरूरत होगी, सब कुछ किया जाएगा। अनुसूचित जाति-जनजाति के उत्थान से समाज का उत्थान होगा।
अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति अधिनियम 1995 के तहत गठित राज्य स्तरीय सतर्कता और मॉनिटरिंग समिति की बैठक में बोल रहे थे
सीएम नीतीश वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम 1995 के तहत गठित राज्य स्तरीय सतर्कता और मॉनिटरिंग समिति की बैठक में बोल रहे थे। उन्होंने यह भी निर्देश दिया कि अनुसूचित जाति-जनजाति के लिए चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं का लाभ शीघ्र दिलाने के लिए मुख्य सचिव अपने स्तर पर इसकी समीक्षा करें। पीड़ितों को तत्काल राहत के लिए अग्रिम राहत राशि तुरंत उपलब्ध कराएं। इसके लिए सभी जिलों में राशि की उपलब्धता सुनिश्चित की जाय।
लंबित मामलों का निष्पादन 20 तक करें
मुख्यमंत्री ने अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति कल्याण विभाग के सचिव को निर्देश दिया कि लंबित मामलों का निष्पादन 20 सितम्बर तक करें। संबंधित विभागों के सचिवों से सम्पर्क कर मामले का त्वरित निष्पादन सुनिश्चित करें। विधि विभाग द्वारा विशेष न्यायालयों में अनन्य विशेष लोक अभियोजकों की नियुक्ति की प्रक्रिया में तेजी लाएं। जो विशेष लोक अभियोजक अपने दायित्वों का ठीक से निर्वहन नहीं कर रहे हैं, उन्हें मुक्त करें। कहा कि आज की बैठक में सभी जन प्रतिनिधियों ने महत्वपूर्ण सुझाव दिए हैं। राशन कार्ड वितरण, महादलित के अलावा सभी अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के वासरहित परिवारों को वास भूमि उपलब्ध कराना, उनके लिए आवास निर्माण आदि कार्यों में भी तेजी लाएं।