बिहार अब एक नहीं बल्कि दो संक्रामक बीमारियों की दोहरी मार झेल रहा है। जहां, एक तरफ बिहार में कोरोना से संक्रमित मरीजों की संख्या 11 हो चुकी है, वहीं मुजफ्फरपुर जिले में तीन बच्चें अब चमकी बुखार से ग्रसित हो गये हैं। चमकी बुखार से ग्रसित इन बच्चों का इलाज जिले के एसकेएमसीएच में चल रहा है। इसमें से एक बच्चे की स्थिति गंभीर बतायी जा रही है।
चमकी बुखार से पीड़ित भर्ती हुये बच्चों में एक की हालत गंभीर
आपको बता दें कि इस साल भी चमकी बुखार ने एक बार फिर बिहार में दस्तक दे दी है, और इस बीमारी के दस्तक के साथ ही बच्चों के अस्पताल में भर्ती होने का सिलसिला शुरू हो चुका है। बिहार में चमकी बुखार के अबतक तीन मामले सामने आ चुके हैं। एसकेएमसीएच में पहले से भर्ती बाड़ा बुजुर्ग गांव के मुन्ना राम के साढ़े तीन वर्षीय पुत्र आदित्य की हालत गंभीर होने पर उसे वेंटीलेटर पर रखा गया है। उसका ग्लूकोज का लेवल 30 से कम है।
तो वहीं, जिले के फकुली थानाक्षेत्र के विंदेश्वर राय के 8 वर्षीय पुत्र शिवम और मोतिहारी जिला के अकौना गांव के रूपण सहनी की तीन वर्षीय पुत्री सपना को एसकेएमसीएच में भर्ती किया गया है। जिलाधिकारी ने बताया कि एसकेएमसीएच में 100 बेड के पीआईसीयू वार्ड का निर्माण लॉकडाउन को लेकर रुक गया था।
ठेकेदार से बातचीत के बाद प्रशासनिक सहयोग की बात कही गयी है। साथ ही उसे निर्माण कार्य शुरू करने को कहा गया है। जिलाधिकारी ने कहा है कि एसकेएमसीएच में चमकी बुखार से जुड़े संसाधन उपलब्ध हैं। पीएचसी लेवल पर भी पीआईसीयू वार्ड खोला गया है।
साल 2019 में चमकी बुखार से गयी थी सैकड़ों बच्चों की जान
विदित हो कि बिहार पिछले कई सालों से चमकी बुखार का कहर झेल रहा है। लगभग हर साल कई बच्चों की मौत हो जाती है। गत वर्ष तो चमकी बुखार का कहर बिहार मे ऐसा था कि हर दिन कई बच्चों की मौतें हो रही थी। हद तो तब हो गयी थी जब बिहार के बच्चों पर आयी इस विपदा से देशभर में त्राही मच गयी थी और बिहार सरकार इस घातक बीमारी से बच्चों को बचाने और अपनी नाकामी को स्वीकारने की जगह लीची पर इस बीमारी का ठीकरा फोरने में मशगूल रही थी। बिहार सरकार के इस गैर-जिम्मेदाराना रवैये के कारण देशभर में बिहार की किरकिरी हुयी थी।
कोरोना की जांच प्रक्रिया राजधानी के आरएमआरआइ में जारी
यूं तो देश-दुनिया के साथ बिहार भी कोरोना वायरस की मार झेल ही रहा था। बिहार में भी देखते ही देखते कोरोना वायरस पॉजिटिव लोगों की संख्या 11 हो गयी है। कोरोना की निष्ठुरता के बीच ये चमकी बुखार जैसी बीमारी का आना निश्चित तौर पर बिहारवासियों के लिए चिंता का सबब और बिहार सरकार के लिए एक कठिन चुनौती है।
गौरतलब है कि अस्पताल के निदेशक डॉ. पीके दास ने शनिवार को 11 मरीजों के पॉजिटिव टेस्ट रिपोर्ट मिलने की पुष्टि की है। इनमें से एक मरीज की मौत हो गयी है, और बाकी का इलाज किया जा रहा है।