बिहार में पिछले 24 घंटे में मानसून की बारिश की तीव्रता में वृद्धि दर्ज की गई है । राज्य के ज्यादातर स्थानों पर मूसलाधार बारिश रिकॉर्ड की गई है , खासकर, बिहार के भागलपुर, पटना और सुपौल में ज्यादा बारिश की गतिविधियां देखी गई।
बिहार में अगले 48 घंटों के दौरान बारिश में काफी वृद्धि होने की संभावना है|खासकर बिहार की तराई वाले इलाके( निचले इलाके ) जैसे पश्चिमी चंपारण, अररिया, सुपौल, सीतामढ़ी, मधुबनी, भागलपुर, खगड़िया, पूर्णिया और मधेपुरा के हिस्सों में अगले 24 से 48 के दौरान कुछ स्थानों पर भारी बारिश की सम्भावना है ।
बारिश के कारण पटना नगर निगम की हालात ख़राब हो रहे है,शहर में जगह जगह पर पानी इक्कठा हो रहा है। पटना की सड़कों पर विकास उफन कर बह रहा है। कुछ पहले तक गली सड़कों पर नमामी गंगे के नाम पर गड्ढे खुदे थे और कीचड़ सड़कों पर विकास का अनोखा दृश्य प्रस्तुत कर रहा था।
Indian Meteorological Department(IMD) के अनुसार बिहार में शुक्रवार (July 12) को भरी बारिश होने की संभावना है।
IMD issues alert for heavy rainfall on Friday.https://t.co/wt0fOlisF0
— India Today (@IndiaToday) July 11, 2019
बारिश के कारण बाढ़ जैसी हालत
मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार बिहार के बहुत सरे जिलों में बाढ़ जैसी हालत की संभावना है। भारी बारिश के कारण उत्तरी बिहार और भारत-नेपाल सीमा के क्षेत्र बाढ़ के चपेट में आ सकते है।
मानसून का सीजन बिहार में प्रायः मनमौजी और अनियमित ही होता है । पिछले दस सालो में अगर देखा जाये तो बिहार ने 6 से 7 सूखा देखे है। अंतिम मूसलाधार बारिस का मौसम 2007 ही रहा है। 2009 से 2019 के बीच बिहार ने कम बारिश के साथ अनियमित मानसून देखा है। तेजी से बढ़ते औधोगिकरण और पेड़ो की अंधाधुन कटाई ने इस समस्या को और भी गंभीर बनाया है ।
अंतरास्ट्रीय स्तर पर अभी बेहद ही प्रसिद्ध और ट्रेंडी शब्द Climate Change को इस अनिमियत और अनियंत्रित बारिश से जोड़कर देखना चाहिए।
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