इस कोरोना महामारी संकट से डरे और नाखुश बिहारवासियों के लिए खुशी की एक बड़ी वजह है। इस साल 94000 शिक्षकों की बहाली की प्रक्रिया पूरी होने जा रही है। दरअसल, यह प्रक्रिया जुलाई से शुरू होने जा रही है। इसमें अब राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान (एनआइओएस) का 18 महीने का डीएलएड कोर्स करने वाले शिक्षक अभ्यर्थियों को भी शामिल होने का मौका मिलेगा। प्राथमिक शिक्षा निदेशक डॉ.रणजीत कुमार सिंह ने मंगलवार को यह जानकारी दी। श्री सिंह ने बताया कि एनसीटीई ने डीएलएड योग्यताधारियों के बारे में कहा है कि इन्हें प्रारंभिक बिहार शिक्षक बहाली में शामिल किया जाए।
बिहार में डीएलएड करने शिक्षक की बहाली
बता दें कि बिहार शिक्षक बहाली में 18 महीने के इस डीएलएड कोर्स को लेकर पूर्व में विवाद हुआ था। दरअसल, इसको लेकर विवाद की शुरूआत उस वक्त हुई थी, जब बिहार राज्य सरकार की ओर से निकाली गई 94 हजार प्रारंभिक शिक्षकों की भर्ती में एनआइओएस से इस कोर्स को करने वाले निजी स्कूलों के शिक्षकों ने भी आवेदन किया था। उस वक्त इनके आवेदन पर नाराजगी जताते हुये एनसीटीई से बातचीत की थी। राज्य सरकार ने शिक्षकों की योग्यता का निर्धारण करने वाली संस्था एनसीटीई से पूछा था, कि क्या एनआइओएस से 18 महीने का डीएलएड करने वाले भी शिक्षक भर्ती के लिए योग्य है?
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गौरतलब है कि बिहार सरकार के इस सवाल के जवाब में केंद्र सरकार से जुड़ी इस संस्था ने 18 महीने के इस डीएलएड कोर्स को करने वाले को इस आवेदन के लिए अयोग्य करार दे दिया था। साथ ही इनके आवेदन की प्रक्रिया को भी अमान्य बता दिया था। जिसके बाद निजी स्कूलों में पढ़ाने वाले डीएलएड धारी सभी शिक्षक पटना हाईकोर्ट पहुंचे। जब सरकार ने इस शिक्षकों को कानून का सहारा लेते देखा तो वो असमंजस में पर गयी। इसी बीच कोर्ट ने एनसीटीई के पात्रता नियमों को गलत बताते हुए इन सभी को शिक्षकों को भर्ती परीक्षा में शामिल होने के योग्य करार दे दिया।
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