कोरोना संक्रमण के दौरान बिहार के साथ ही देश का पहला चुनाव है। ऐसे में चुनाव को लेकर खास एहतियात बरता जा रहा है। राज्य में करोड़ो की संख्या में वोटर्स हैं। इसको देखते हुए राज्य के विधानसभा चुनाव के लिए खास तैयारियां की जा रही हैं। राज्य में चुनाव के दौरान वोट करने के लिए बड़ी संख्या में वोटर रहेंगे। ऐसे में टूथपिक, पोलिंग ऑफिसर्स की टेबल पर लगने वाला शीशा, डिस्पोजेबल सिरिंज से अंगुलियों पर बनने वाला निशान जैसे तमाम उपाय सोचे जा रहे हैं। निर्वाचन आयोग इन सभी तरह के उपायों पर विचार कर रहा है। आयोग का मानना है कि संक्रमण के दौरान बिहार जैसे बड़े वोटरों वाले राज्य में चुनाव कराना मुश्किल है।
बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान वोटरों को लेकर तैयारी
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बिहार में इस साल अक्टूबर-नवंबर में चुनाव होने हैं। इस तरह संक्रमण काल के दौरान ये देश का पहला चुनाव है। ऐसे में संक्रमण के काल में पहले जैसे चुनावों के कराने की संभावना नहीं है। इसके कारण चुनाव आयोग के अधिकारी अलग अलग तरह के प्रस्तावों पर विचार कर रहे हैं। अधिकारियों ने कहा है कि डिस्पोजेबल सिरिंज से इंक लगाने का विकल्प सुरक्षित विकल्प है। हर वोटर को इससे फेंका जा सकता है। वहीं पोलिंग ऑफिसर्स को शीशे की दीवार के पीछे रहने की आवश्यकता पड़ेगी। जिससे वोटर एवं अधिकारी एक दूसरे के संपर्क में नहीं आएं।
इसके अलावा आयोग संक्रमण की संभावना को कम करने के लिए हर तरह के प्रयास करने में लगा हुआ है। आयोग कई अन्य मसलों पर भी विचार कर रहा है। सूत्रों की माने तो प्रस्तावों को बिहार के मुख्य निर्वाचन अधिकारी के पास चुनाव आयोग ने भेज दिया है। इसको लेकर एचआर श्रीनिवास ने कहा है कि बूथ पर वोटर्स की सुरक्षा के लिए सभी इंतजाम किए जाएंगे। हम इसपर काम कर रहे हैं। हमारा लक्ष्य है कि वोटर्स से संक्रमण का खतरा कम किया जा सके। हालांकि इसपर अमल करना थोड़ा मुश्किल होगा।