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बिहार में बाढ़ का खतरा बढ़ा, उत्तर बिहार में कई नदियां खतरे के निशान से ऊपर

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बिहार में भारी बारिश का दौरा जारी है। जून में जहां बिहार में भारी बारिश हुई। वहीं अभी जुलाई माह के दौरान भी बारिश लगातार होती जा रही है। जिसके कारण बिहार की सभी नदियां उफान पर हैं। उधर बिहार के सीमा से लगे नेपाल में भी भारी बारिश हो रही है। जिसके कारण बागमती, कोसी, लालबकेया और कमला नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। ऐसे में बिहार में बाढ़ का खतरा लगातार बढ़ता जा रहा है। बागमती नदी पांच जगहों पर खतरे के निशान को पार कर चुकी है। शक्रवार को लालबकेया नदी भी खतरे के निशान को पार कर गई। जबकि कोसी नदी भी लगातार बढ़ती जा रही है।

नदियों के बढ़ते जलस्तर के कारण बिहार में बाढ़ का खतरा

लगातार हो रही बारिश के कारण एक ओर सभी नदियां उफान पर हैं। मौसम विभाग ने 12 जुलाई तक भारी बारिश चेतावनी दी है। विभाग का कहना है कि खास तौर पर बागमती बेसिन में काफी तेज बारिश होगी। ऐसे में अब बाढ़ का खतरा बढ़ते ही जा रहा है। बिहार के 14 जिलों में बाढ़ की स्थिति दिन पर दिन गंभीर होते जा रही है। ऐसे में इन इलाकों में रहने वाले 52 लाख लोगों के जानमाल का खतरा बना हुआ है।

जल संसाधन विभाग ने रिपोर्ट जारी कर नदियों में पानी की स्थिति के बारे में बताया है। शुक्रवार को जारी रिपोर्ट के अनुसार बागमती नदी सीतामढ़ी और मुजफ्फरपुर के पास लाल निशान से ऊपर पहुंच गई है। सीतामढ़ी में बागमती नदी डेढ़ मीटर खतरे के निशान से ऊपर बह रही है।

वहीं मुजफ्फरपुर में भी बाढ़ का खतरा बढ़ते जा रहा है। वहां बेनीबाद नदी भी खतरे के निशान से 50 सेंमी ऊपर बह रही है। लेकिन दरभंगा में बेनीबाद अभी भी खतरे के निशान से नीचे है। इसके अलावा कमला नदी भी 50 सेंमी से ज्यादा ही खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। वहीं गंगा का जल स्तर भी लगातार बढ़ता जा रहा है। खैर ये नदी अभी खतरे के निशान तक नहीं पहुंची है। जबकि गंडक नदी के पानी में लगातार वृद्धि हो रही है।

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