जाने कोरोना काल के गाइडाइन
पटना। आगामी 28 सितंबर से बिहार के जिन आठ हजार सरकारी माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक विद्यालयों में नौवीं से 12वीं कक्षाओं तक की पढ़ाई शुरू होगी, उनमें कोरोना काल के गाइडलाइन के पालन की कड़ी निगरानी की जाएगी। निजी विद्यालयों पर जिला शिक्षा पदाधिकारी सहित अन्य अधिकारियों की कड़ी निगरानी रहेगी।
विद्यालय प्रबंधन की ओर से कोरोना गाइडलाइन के लापरवाही पर कार्रवाई
विद्यालय प्रबंधन की ओर से कोरोना गाइडलाइन के अनुपालन में किसी प्रकार की लापरवाही की शिकायत मिलने पर संबंधित जिलाधिकारी द्वारा तत्काल कार्रवाई की जाएगी। इस संबंध में शिक्षा विभाग के अपर सचिव गिरिवर दयाल सिंह सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को निर्देश दिया। इसमें किसी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। विद्यार्थियों की सुरक्षा में हर मानक का पालन करना अनिवार्य होना चाहिए। यदि किसी सरकारी विद्यालय में प्रधानाध्यापक के स्तर से लापरवाही बरती जाए तो कड़ा एक्शन लिया जाना चाहिए और इसकी रिपोर्ट मुख्यालय को मुहैया करायी जाए।
अपग्रेड स्कूलों में आधारभूत संरचना का निर्माण पूरा करने का निर्देश
शिक्षा विभाग ने अपग्रेड माध्यमिक विद्यालयों में निर्माण कार्य को शीघ्र पूरा करने का आदेश सभी जिलों को दिया। विभागीय समीक्षा में पता चला कि 2950 अपग्रेड माध्यमिक विद्यालयों में से ऐसे 256 विद्यालय हैं जहां निर्माण कार्य पूरा नहीं होने की वजह से चालू सत्र में नौवीं कक्षा की पढ़ाई में बाधा उत्पन्न हो रही है। इसके लिए विभाग ने संबंधित जिलों के अफसरों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिया।
शिक्षा विभाग ने लिया फैसला
कंटेनमेंट जोन से बाहर के विद्यालयों में ही कक्षा 9 से 12 तक के विद्यार्थी को शिक्षकों से मार्गदर्शन प्राप्त करने हेतु विद्यालय आने की अनुमति, कंटेनमेंट जोन में निवास करने वाले विद्यार्थियों, शिक्षकों व कर्मियों को विद्यालय आने की अनुमति नहीं, माता-पिता या अभिभावक की लिखित सहमति के बाद ही विद्यालय आएंगे विद्यार्थी, नौवीं से बारहवीं कक्षा तक में प्रार्थना और खेलकूद नहीं होंगे,स्कूल परिसर में एक स्थान पर भीड़ नहीं होगी, स्कूलों में शिक्षकों,कर्मियों एवं विद्यार्थियों की बायोमेट्रिक हाजिरी नहीं लगेगी, विद्यालय प्रबंधन कक्षा संचालन से पूर्व विद्यालय को सेनेटाईज कराना सुनिश्चित करेंंगे, विद्यालय के प्रवेश द्वार पर हैंड सेनेटाइजर की व्यवस्था अनिवार्य रखनी होगी।
पूर्व में जो विद्यालय कोरेनटाइन सेंटर के रूप में इस्तेमाल किए गए हों, उन विद्यालयों को सघन रूप में सेनेटाइजेशन कराना अनिवार्य माना गया है। विद्यार्थी किताबें, कॉपी, पेन और पानी की बोतल लेकर आएंगे और किसी साथी से शेयर नहीं करेंगे, जिस विद्यार्थी को सर्दी-जुकाम होगा तो उन्हेंं स्कूल आने पर रोक रहेगी, 50 प्रतिशत शिक्षक ही स्कूल आएंगे। केंद्र सरकार के दिशा-निर्देश के आलोक में प्रदेश में 28 सितंबर से नौवीं से बारहवीं तक के स्कूल खुल जाएंगे। सरकारी के साथ निजी क्षेत्र के विद्यालयों में शर्तों के साथ कक्षाओं का संचालन होगा। मगर सभी हॉस्टल और कोचिंग इंस्टीच्यूट पूर्व की भांति अगले आदेश तक बंद रहेंगे। महत्वपूर्ण यह कि कंटेनमेंट जोन के विद्यार्थी, शिक्षक व कर्मचारी स्कूल नहीं आएंगे। माध्यमिक और उच्च माध्यमिक विद्यालयों में कक्षाओं के संचालन के लिए कोरोना गाइड-लाइन का अनुपालन करना होगा। शिक्षा विभाग की ओर से कक्षाओं के संचालन से संबंधित दिशा-निर्देश भी जारी कर दिया गया। विद्यालय अपने स्तर से विद्यार्थियों और शिक्षकों का शिड्यूल निर्धारित करेंगे। सरकार के दिशा-निर्देश का अनुपालन सुनिश्चित कराना और उसकी निगरानी संबंधित जिलाधिकारी एवं जिला शिक्षा अधिकारी के ऊपर रहेगी।