- बॉलीवुड के प्रतिभाशाली कलाकारों की हत्या को आत्महत्या बनाकर कर दिया जाता है रफा-दफा
- बॉलीवुड की गतिविधियों की निगरानी के लिए बने रेगुलेटरी बॉडी
- सुशांत को न्याय की मांग को लेकर फर्स्ट पेटिशन डालने वाली अलका प्रिया लिखेंगी किताब
पटना। राजधानी पटना के फ्रेजर रोड स्थित आकाशवाणी के समीप में स्थित कासा पीकोला रेस्टोरेंट परिसर में बिहार के दिवंगत वॉलीवूड अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत को लेकर प्रेसवार्ता आयोजित की गयी। मौके पर आयोजित प्रेसवार्ता में उपस्थित लोगों ने बताया कि दिवंगत बॉलीवुड अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की संदेहास्पपद मौत मामले में दुनिया भर की नजर अब सीबीआई पर टिकी है। क्योंकि मुंबई पुलिस की गैर जिम्मेदराना रवैये के बाद सर्वोच्च न्यायालय के हस्तक्षेप से सीबीआई इस केस की जांच कर रही है। मगर ये आसान नहीं थी।
सुशांत के फैंस और उनके जानने वाले को पहले दिन से ये विश्वास नहीं है कि जीवटता से भरा इंसान आत्म हत्या कर सकता है। इसके बाद दुनिया भर में सुशांत को नयाय दिलाने के लिए सीमाएं टूट गई। यही वजह है कि आज ऑस्ट्रेलिया, इजरायल, लंदन, कनाडा, इंडोनशिया, मालदीव, कोरिया आदि कई देशों से सुशांत को न्याय दिलाने के लिए आवाज उठ रही है। दुनिया भर के लोग शॉक्ड हैं कि बॉलीवुड में हो क्या रहा है।
सुशांत सिंह राजपूत पर पटना में प्रेस कांफ्रेस
उक्त बात बुधवार को पटना में प्रेस कांफ्रेस के दौरान मलेशिया ओरिजन की थालयानी नारायण गोमेश, यूएस बेस्डक डॉक्टर व यूएस आर्मी में सेवा दे रही और पीआइएल की दूसरी पेटिशनर सिंधू सिंह, अधिवक्ता मीनू, सुशांत मामले की पहली पेटिशनर अलका प्रिया और सुशांत के बचपन के दोस्त विशाल राजपूत ने कही। उन्होंने सुशांत से पहले जिया खान, दिव्या भारती, श्री देवी, दिशा शालियान, प्रत्युषा बनर्जी चर्चित कलाकारों की हत्या की जिक्र करते हुए पूछा कि आखिरकार मुंबई पुलिस हर बार ऐसे मामले को सुसाइड बताकर रफा-दफा क्यों करना चाहती है।
आखिरकार अब तक इन लोगों को न्याय क्यों नहीं मिल पाई। उन लोगों ने सुशांत सिंह मामले में भी यही करने की कोशिश की,मगर दुनिया भर में सुशांत को चाहने वाले करोड़ों फैंस को यह पता है कि सुशांत सुसाइड नहीं कर सकता। इसलिए पूरी दुनिया ने इसे रिकॉग्नाइज किया और आज बिहार, बंगाल, महाराष्ट्र ही नहीं दुनियाभर से लोग की बस एक ही मांग है। मामले का पटाक्षेप हो। सुशांत को न्याय मिले। इसके लिए सीबीआई इंक्वायरी पर भी सबों की नजर लगातार बनी हुई है।
अलका प्रिया सुशांत सिंह राजपूत पर लिख रही किताब
ऑस्ट्रेलिया, इजरायल, लंदन, कनाडा, इंडोनशिया, मालदीव, कोरिया जैसे देशों से लोग हमारे संपर्क में हैं। सभी चाहते हैं इस मामले में न्याय हो। इसलिए हमसबों की पहल पर एक इंटरनेशनल ग्रुप बना, जिसने यूएन को लिखकर इस मामले में दखल देने की मांग की। इस मामले की फर्स्ट पेटिशनर अलका प्रिया सुशांत को लेकर एक किताब भी लिख रही हैं। इस बारे में उन्होंने कहा कि मुझे लगा कि सुशांत सिर्फ बिहार का स्टार नहीं है वो प्रतिभा को प्रतिनिधित्व करता है। अगर उसकी आवाज दब गई तो प्रतिभाशाली लोगों के साथ अन्याय होता रहेगा। उसके लिए कुछ करने की इच्छा के साथ मैंने किताब लिखने का फैसला किया।
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वहीं सुशांत के बचपन के दोस्त विशाल सिंह राजपूत ने बिहार में लगातार उनके लिए कैंपेन चला रहा है। उनका कहना है कि हम किसी भी कीमत पर दोषियों को नहीं बचने देंगे। जबतक सुशांत के हत्यारे सलाखों के पीछे नहीं होते, तब तक बिहार में बॉलीवुड की कोई फिल्में रिलीज नहीं होने देंगे। अधिवक्ता मीनू ने बताया कि सुशांत को न्याय दिलाने के लिए सबसे पहले पीआईएल हमने दर्ज कराया। मकसद था इस मामले में सीबीआई जांच और भविष्य में किसी प्रतिभाशाली कलाकारों के लिए शोषण और अत्याचार न हो, इसके लिए कोई रेगुलेटरी बॉडी बने।
बॉलीवुड में शोषण को रोकने के लिए कोई कानून नहीं
मुझे इस मामले को लोगों तक पहुंचाना चाहते थे। बॉलीवुड में शोषण को रोकने के लिए कोई कानून नहीं है। बॉलीवुड में मफिया और अंडरवर्ल्डं के पैसों की बात खुलकर सामने आती है मगर उस पर कुछ होता क्यों नहीं है। जब ऋषि कपूर जैसे लोग कबूल करते हैं कि वे दुबई में दाउद से मिलते हैं। सलमान खान स्वीकारते हैं कि ऐश्वर्या राय को लेकर एक फिल्म में अंडरवर्ल्ड का पैसा लगा है। तो इन सबों की जांच क्यों नहीं होनी चाहिए। आखिर ये देशद्रोही क्यों नहीं हैं और इन पर देशद्रोह का मुकदमा क्यों दर्ज नहीं होना चाहिए। आखिर कब तक इनके पापों की बली अच्छे और प्रतिभाशाली कलाकारों को देनी होगी?